
तत्सम शब्द (Tatsam Shabd): विस्तार से जानकारी
तत्सम शब्द हिंदी व्याकरण में शब्दों के वर्गीकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
1. तत्सम शब्द का अर्थ (Meaning of Tatsam Shabd)
तत्सम शब्द दो संस्कृत शब्दों के मेल से बना है:
- तत् (Tat): जिसका अर्थ है ‘उसके’ (यानी संस्कृत के)
- सम् (Sam): जिसका अर्थ है ‘समान’ (यानी जैसा का तैसा)
परिभाषा:
“तत्सम” का शाब्दिक अर्थ है “उसके समान” या “ज्यों का त्यों”।
किसी भाषा के वे शब्द जो उसकी मूल भाषा से बिना किसी परिवर्तन के, ज्यों के त्यों (अर्थात् उनके मूल रूप में) अपना लिए जाते हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं।
हिंदी के संदर्भ में:
हिंदी की मूल भाषा संस्कृत है, इसलिए संस्कृत भाषा के वे शब्द जो बिना किसी बदलाव के सीधे हिंदी में उपयोग किए जाते हैं, वे तत्सम शब्द कहलाते हैं।
2. तत्सम शब्दों की आवश्यकता और महत्व (Need and Importance)
- शब्द भंडार की वृद्धि: तत्सम शब्दों ने हिंदी के शब्द भंडार को समृद्ध किया है।
- भाषा की शुद्धता: ये शब्द भाषा में शालीनता और शुद्धता लाते हैं, खासकर साहित्यिक और औपचारिक लेखन में।
- मूल रूप का ज्ञान: इनके द्वारा हमें शब्दों के मूल संस्कृत रूप का ज्ञान होता है।
3. तत्सम शब्दों के उदाहरण (Examples of Tatsam Shabd)
यहाँ कुछ सामान्य तत्सम शब्द और उनके तद्भव (बदले हुए) रूप दिए गए हैं:
| तत्सम शब्द (मूल संस्कृत रूप) | तद्भव शब्द (हिंदी में बदला हुआ रूप) | अर्थ (Meaning) |
| अग्नि | आग | Fire |
| आम्र | आम | Mango |
| कर्पूर | कपूर | Camphor |
| कर्म | काम | Work |
| दुग्ध | दूध | Milk |
| हस्त | हाथ | Hand |
| रात्रि | रात | Night |
| सूर्य | सूरज | Sun |
| क्षेत्र | खेत | Field |
| वत्स | बच्चा/बछड़ा | Calf/Child |
| पुत्र | पूत | Son |
| नृत्य | नाच | Dance |
4. तत्सम और तद्भव में अंतर (Difference between Tatsam and Tadbhav)
तत्सम शब्द का ज्ञान प्राप्त करने के लिए तद्भव शब्द को समझना भी आवश्यक है:
| विशेषता | तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) | तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) |
| उत्पत्ति | संस्कृत से सीधे आए। | तत्सम (संस्कृत) शब्दों से विकसित हुए। |
| अर्थ | उसके समान (संस्कृत के समान) | उससे उत्पन्न (संस्कृत से उत्पन्न) |
| रूप | मूल रूप में अपरिवर्तित। | समय के साथ परिवर्तित होकर बदल गए। |
| उदाहरण | सर्प, गृह, चर्म, भ्राता | साँप, घर, चमड़ा, भाई |
5. तत्सम शब्दों को पहचानने के सामान्य नियम (General Rules to Identify Tatsam Words)
कुछ ध्वनियाँ और वर्णमाला के अक्षर तत्सम शब्दों में अधिक पाए जाते हैं। इन्हें पहचानने के लिए ये नियम उपयोगी हो सकते हैं:
- ‘क्ष’ (Ksh): प्रायः तत्सम शब्दों में आता है, जबकि तद्भव में यह ‘ख’ या ‘छ’ में बदल जाता है।
- उदाहरण: क्षीर →खीर, अक्षि →आँख, क्षेत्र →खेत।
- ‘त्र’ (Tra): यह भी अधिकांशतः तत्सम शब्दों में प्रयुक्त होता है।
- उदाहरण: पुत्र →पूत, रात्रि →रात।
- ‘ज्ञ’ (Gya): यह वर्ण अक्सर तत्सम शब्दों की पहचान है।
- उदाहरण: ज्ञान →जान, अज्ञान →अनजान।
- ‘श’ (Sha) और ‘ष’ (Shha): इनका प्रयोग अक्सर तत्सम शब्दों में होता है, जो तद्भव में ‘स’ में बदल जाता है।
- उदाहरण: श्याम →साँवला, कृषक →किसान।
- ‘व’ (Va): यह प्रायः तत्सम शब्दों में आता है और तद्भव में ‘ब’ में बदल जाता है।
- उदाहरण: वन →बन, विवाह →ब्याह, वानर →बंदर।
- ‘ऋ’ की मात्रा (‘r’): जिस शब्द में ‘ऋ’ की मात्रा हो, वह तत्सम होता है।
- उदाहरण: गृह, कृषक, मृतिका।
- रेफ (‘र्’) और पदेन (‘्र’): ये भी अक्सर तत्सम शब्दों में पाए जाते हैं।
- उदाहरण: कर्म, धर्म, आम्र, चन्द्र।
💡 तत्सम–तद्भव शब्दों को याद करने की आसान विधि (Easy Method to Remember Tatsam-Tadbhav Words)
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के लिए कुछ निश्चित नियम और ट्रिक्स हैं। अगर आप इन नियमों को याद रखते हैं, तो आप लगभग 90% शब्दों को आसानी से पहचान सकते हैं।
1. पहचानने के सरल नियम (Simple Rules for Identification)
| नियम (Rule) | तत्सम शब्द (पहचान) | तद्भव शब्द (बदलाव) | उदाहरण (Example) |
| ‘क्ष’ का नियम | तत्सम में हमेशा ‘क्ष’ (ksh) होता है। | तद्भव में यह बदलकर ‘ख’ या ‘छ’ हो जाता है। | क्षीर →खीर, परीक्षा →परख, मक्षिका →मक्खी |
| ‘श’ और ‘स’ का नियम | तत्सम में प्रायः ‘श’ (sh) या ‘ष’ (shh) आता है। | तद्भव में यह बदलकर ‘स’ (s) हो जाता है। | श्यामल →साँवला, श्वसुर → ससुर, आदर्श →आरसी |
| ‘व’ और ‘ब’ का नियम | तत्सम में प्रायः ‘व’ (v) आता है। | तद्भव में यह बदलकर ‘ब’ (b) हो जाता है। | वन →बन, विद्युत →बिजली, वरयात्रा →बरात |
| ‘ऋ’ की मात्रा | जिस शब्द में ‘ऋ’ (r) की मात्रा ($\text{ृ}$) लगी हो, वह तत्सम होता है। | तद्भव में यह बदल जाता है या हट जाता है। | घृत →घी, अमृत →अमी, नृत्य →नाच |
| संयुक्त व्यंजन | ‘त्र’ (tra), ‘ज्ञ’ (gya), ‘श्र’ (shra) वाले शब्द प्रायः तत्सम होते हैं। | तद्भव में ये सरल रूप ले लेते हैं। | पुत्र →पूत, ज्ञान →जान, श्रावण →सावन |
| अनुस्वार (‘ं’) | तत्सम में अनुस्वार (बिंदु, ‘ं’) का प्रयोग होता है। | तद्भव में प्रायः यह चन्द्रबिंदु (‘ँ’) में बदल जाता है। | चन्द्र →चाँद, दंत →दाँत, अंगुलि →अँगुल |
| रेफ/पदेन (‘र्’) | तत्सम में रेफ ($\text{र्}$) या पदेन ($\text{्र}$) का प्रयोग अधिक होता है। | तद्भव में ये लुप्त हो जाते हैं। | कर्म →काम, आम्र →आम, चूर्ण →चून |
2. याद रखने का सार (Key Summary)
सरल शब्दों में:
- तत्सम शब्द: वे शब्द जो शुद्ध संस्कृत के लगते हैं, जिनमें जटिल वर्ण (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ऋ, रेफ) या अनुस्वार का प्रयोग होता है। ये प्रायः औपचारिक भाषा में प्रयोग होते हैं।
- तद्भव शब्द: वे शब्द जो बोलचाल की भाषा में आसान हो गए हैं। ये उच्चारण में सरल होते हैं और इनमें साधारण वर्ण (ख, छ, स, ब, चन्द्रबिंदु) का प्रयोग होता है।
📝 तत्सम और तद्भव शब्दों के अतिरिक्त उदाहरण (More Examples)
| क्रम | तत्सम शब्द (Tatsam) | तद्भव शब्द (Tadbhav) |
| 1. | अंधकार | अँधेरा |
| 2. | अमूल्य | अमोल |
| 3. | अश्रु | आँसू |
| 4. | उष्ट्र | ऊँट |
| 5. | कूप | कुआँ |
| 6. | कपोत | कबूतर |
| 7. | कर्ण | कान |
| 8. | काष्ठ | काठ |
| 9. | कुक्कुर | कुत्ता |
| 10. | गर्दभ | गदहा |
| 11. | गोमय | गोबर |
| 12. | जीर्ण | झीना |
| 13. | चूर्ण | चून |
| 14. | दधि | दही |
| 15. | दंत | दाँत |
| 16. | दीपावली | दीवाली |
| 17. | धूम्र | धुआँ |
| 18. | नग्न | नंगा |
| 19. | निद्रा | नींद |
| 20. | पत्र | पत्ता |
| 21. | पंच | पाँच |
| 22. | भ्राता | भाई |
| 23. | मस्तक | माथा |
| 24. | मृत्यु | मौत |
| 25. | लोह | लोहा |
देशज और विदेशज शब्द: विस्तार से जानकारी
उत्पत्ति (स्रोत) के आधार पर हिंदी के शब्द-भंडार को चार मुख्य भागों में बाँटा गया है:
- तत्सम (संस्कृत के मूल शब्द)
- तद्भव (संस्कृत से विकसित)
- देशज (स्थानीय भाषाओं से)
- विदेशज (विदेशी भाषाओं से)
1. 🇮🇳 देशज शब्द (Deshaj Shabd)
परिभाषा (Definition)
‘देशज’ शब्द ‘देश’ + ‘ज’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “देश में जन्मा हुआ”।
ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति का मूल स्रोत ज्ञात नहीं है, लेकिन ये शब्द भारत के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय बोलियों या प्रादेशिक भाषाओं (जैसे: द्रविड़, कोल, संथाली आदि) से हिंदी भाषा में आ गए हैं, उन्हें देशज शब्द कहते हैं।
ये शब्द प्रायः जनसाधारण की बोलचाल में प्रचलित होते हैं और आवश्यकतानुसार स्वयं ही गढ़ लिए जाते हैं।
विशेषताएँ (Characteristics)
- अज्ञात स्रोत: इनकी उत्पत्ति संस्कृत या किसी ज्ञात प्राचीन भाषा से नहीं होती।
- क्षेत्रीय प्रभाव: ये किसी विशेष क्षेत्र या बोली का प्रभाव दिखाते हैं।
- बोलचाल की भाषा: इनका प्रयोग ज़्यादातर रोज़मर्रा की अनौपचारिक बातचीत में होता है।
उदाहरण (Examples)
- सामान्य प्रयोग के देशज शब्द:
- पेट, लोटा, डिबिया, पगड़ी, थैला, खिड़की, जुगाड़, चाट, रोटी, ढोंगी, टाँग, झोला, खटखटाना।
- द्रविड़ भाषाओं से आए कुछ शब्द:
- इडली, डोसा, कटहल, ताला, नीर, लूंगी।
2. 🌐 विदेशज शब्द (Videshaj Shabd)
परिभाषा (Definition)
‘विदेशज’ शब्द ‘विदेश’ + ‘ज’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “विदेश में जन्मा हुआ”। इन्हें आगत शब्द (Aagat Shabd) भी कहते हैं।
विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और व्यापारिक कारणों से विदेशी भाषाओं (जैसे: अरबी, फारसी, अंग्रेजी, पुर्तगाली, तुर्की आदि) के जो शब्द हिंदी भाषा में अपना लिए गए हैं, उन्हें विदेशज शब्द कहते हैं।
भारत पर विभिन्न विदेशी संस्कृतियों के प्रभाव के कारण हिंदी में इन शब्दों का भंडार काफी विशाल है।
विशेषताएँ (Characteristics)
- स्पष्ट स्रोत: इनका मूल स्रोत विदेशी भाषा में ज्ञात होता है।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: ये शब्द दो अलग-अलग संस्कृतियों के संपर्क का परिणाम हैं।
- प्रचलन: हिंदी में इनका प्रचलन इतना अधिक हो गया है कि कई बार इन्हें विदेशी मानना मुश्किल होता है।
उदाहरण (Examples)
हिंदी में सबसे अधिक प्रयोग होने वाले विदेशज शब्दों का वर्गीकरण:
| विदेशी भाषा | प्रमुख विदेशज शब्द (Examples) |
| अंग्रेजी (English) | डॉक्टर, कॉलेज, पेंसिल, रेल, कोर्ट, टीचर, स्कूल, बस, इंजन, टैक्सी। |
| अरबी (Arabic) | अमीर, क़ानून, फ़कीर, किताब, दौलत, लिफाफा, इनाम, इज्जत, अदालत, गरीब। |
| फ़ारसी (Persian) | आराम, आवाज़, जमीन, बाज़ार, गुलाब, शराब, दरबार, दुकान, तारीख़, सरकार। |
| पुर्तगाली (Portuguese) | आलू, कमरा, गमला, चाबी, तम्बाकू, साबुन, मेज, तौलिया, पादरी, फीता। |
| तुर्की (Turkish) | कैंची, चाकू, तोप, कुली, बेगम, चेचक, दरोगा, लाश, बारूद। |
🌟 हिंदी शब्द-भंडार का सार (Summary of Hindi Vocabulary)
| शब्द का प्रकार | मूल स्रोत | उदाहरण |
| तत्सम | संस्कृत (ज्यों का त्यों) | अग्नि, सूर्य, दुग्ध |
| तद्भव | संस्कृत (परिवर्तित रूप) | आग, सूरज, दूध |
| देशज | स्थानीय बोलियाँ (अज्ञात स्रोत) | लोटा, पगड़ी, थैला |
| विदेशज | विदेशी भाषाएँ (अरबी, अंग्रेजी आदि) | स्कूल, कानून, आलू |
देशज शब्द (Deshaj Shabd) की सूची
ये वे शब्द हैं जो स्थानीय बोलियों से हिंदी में आए हैं, और इनकी उत्पत्ति का कोई ज्ञात संस्कृत आधार नहीं है।
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| लोटा | पगड़ी | खिड़की | खुरपा |
| पेट | डिबिया | जूता | ठेठ |
| झोला | खिचड़ी | ढोंगी | चुस्की |
| टाँग | ठोकर | जुगाड़ | चटपट |
| फुनगी | ठुमरी | भाँग | कटहल |
| ढिबरी | कलाई | ताला | ऊबड़–खाबड़ |
| लेटना | तेंदुआ | अंट–शंट | चाय (कुछ विद्वान इसे देशज मानते हैं) |
🌐 विदेशज शब्द (Videshaj Shabd) की सूची
यहाँ हिंदी में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले विभिन्न विदेशी भाषाओं के शब्दों की सूची है:
1. 🇬🇧 अंग्रेजी के शब्द (English Words)
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| डॉक्टर | स्कूल | रेल | पेंसिल |
| कॉलेज | चेक | सिगरेट | फुटबॉल |
| इंजन | कोर्ट | टेबल | टीचर |
| बस | ट्रेन | हॉस्पिटल | टैक्स |
2. 🇸🇦 अरबी के शब्द (Arabic Words)
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| कानून | अदालत | किताब | इनाम |
| फ़क़ीर | अमीर | दौलत | इज़्ज़त |
| क़र्ज़ | तारीख | हलवाई | ग़रीब |
| लिफाफा | अक्ल | असर | साहब |
3. 🇮🇷 फ़ारसी के शब्द (Persian Words)
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| आराम | बाज़ार | जमीन | गुलाब |
| शराब | दुकान | सरकार | आवाज़ |
| दरबार | चश्मा | हज़ार | बंदरगाह |
| जलेबी | चादर | पलंग | साल |
4. 🇵🇹 पुर्तगाली के शब्द (Portuguese Words)
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| आलू | कमरा | गमला | साबुन |
| चाबी | तौलिया | मेज | फीता |
| अलमारी | गिरजा | गोदाम | कर्नल |
5. 🇹🇷 तुर्की के शब्द (Turkish Words)
| शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
| कैंची | चाकू | तोप | कुली |
| बेगम | दरोगा | लाश | चकमक |
6. 🇨🇳 चीनी, 🇫🇷 फ्रांसीसी और अन्य (Other Foreign Words)
| भाषा | शब्द | शब्द |
| चीनी | चाय | लीची |
| फ्रांसीसी | कारतूस | कूपन |
| यूनानी | एटम | टेलीफोन |
| जापानी | रिक्शा | सायोनारा |
संकर शब्द (Sankar Shabd): विस्तार से जानकारी
1. संकर शब्द की परिभाषा (Definition of Sankar Shabd)
‘संकर’ (Hybrid) शब्द का शाब्दिक अर्थ है “मिश्रण“ या “दो चीजों के मेल से बना हुआ“।
ऐसे शब्द जो दो अलग–अलग भाषाओं के शब्दों के मेल से बने होते हैं, उन्हें संकर शब्द कहते हैं।
ये शब्द हिंदी की रचनात्मकता को दर्शाते हैं, जहाँ एक भाषा का शब्द दूसरी भाषा के शब्द के साथ मिलकर एक नया शब्द बनाता है, जिसका प्रयोग हिंदी में किया जाता है।
2. संकर शब्दों का निर्माण (Formation of Sankar Shabd)
संकर शब्द आमतौर पर निम्नलिखित भाषाओं के मेल से बनते हैं:
- संस्कृत (तत्सम) + विदेशी (जैसे: अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी)
- फ़ारसी + हिंदी (तद्भव/देशज)
- अंग्रेजी + हिंदी (तद्भव/देशज)
- दो विदेशी भाषाओं का मेल (कम)
3. संकर शब्दों के महत्वपूर्ण उदाहरण (Important Examples of Sankar Shabd)
यहाँ सबसे अधिक उपयोग होने वाले संकर शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं, जो बताते हैं कि वे किन दो भाषाओं से मिलकर बने हैं:
अ. हिंदी + फ़ारसी के मेल से बने शब्द
| संकर शब्द | भाषा 1 | भाषा 2 |
| राजमहल | राज (हिन्दी/तत्सम) | महल (अरबी) |
| रेलगाड़ी | रेल (अंग्रेजी) | गाड़ी (हिन्दी) |
| वर्षगाँठ | वर्ष (संस्कृत) | गाँठ (हिन्दी) |
| तपस्या | तप (संस्कृत) | आगार (फ़ारसी) |
ब. अंग्रेजी + हिंदी/संस्कृत के मेल से बने शब्द
यह सबसे सामान्य प्रकार के संकर शब्द हैं:
| संकर शब्द | भाषा 1 | भाषा 2 |
| रेलगाड़ी | Rail (अंग्रेजी) | गाड़ी (हिन्दी) |
| टिकटघर | Ticket (अंग्रेजी) | घर (हिन्दी) |
| जेबघड़ी | Pocket (अंग्रेजी) | घड़ी (हिन्दी) |
| सीलबंद | Seal (अंग्रेजी) | बंद (फ़ारसी/हिन्दी) |
| डबलरोटी | Double (अंग्रेजी) | रोटी (हिन्दी) |
| ऑफिसरशाही | Officer (अंग्रेजी) | शाही (फ़ारसी) |
स. फ़ारसी + हिंदी/संस्कृत के मेल से बने शब्द
| संकर शब्द | भाषा 1 | भाषा 2 |
| नेकनीयत | नेक (फ़ारसी) | नियत (अरबी) |
| सालभर | साल (फ़ारसी) | भर (हिन्दी) |
| किताबघर | किताब (अरबी) | घर (हिन्दी) |
| जेलखाना | Jail (अंग्रेजी) | खाना (फ़ारसी) |
| अख़बारवाला | अख़बार (अरबी) | वाला (हिन्दी) |
4. संकर शब्दों का महत्व (Importance of Sankar Shabd)
- भाषा का लचीलापन: संकर शब्द दर्शाते हैं कि हिंदी एक लचीली भाषा है जो किसी भी भाषा के शब्दों को अपनी आवश्यकतानुसार अपना सकती है।
- नए विचारों की अभिव्यक्ति: जब किसी नए विचार या वस्तु के लिए पुरानी भाषाओं में उपयुक्त शब्द नहीं मिलता, तो दो भाषाओं को मिलाकर नया शब्द गढ़ लिया जाता है (जैसे: “रेलगाड़ी”)।
- विकास का प्रतीक: इनका निर्माण इस बात का प्रमाण है कि हिंदी भाषा लगातार विकसित हो रही है और विभिन्न संस्कृतियों के संपर्क में आ रही है।
उत्पत्ति (स्रोत) के आधार पर शब्दों के वर्गीकरण (तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज, संकर) को समझने के बाद, अब हम रचना (बनावट) के आधार पर शब्दों के वर्गीकरण को समझेंगे, जो कि तीन प्रकार का होता है: रूढ़, यौगिक, और योगरूढ़।
यह विषय शब्दों की आंतरिक संरचना और उनके अर्थ को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
🏗️ रचना के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण (Classification Based on Structure)
रचना (या बनावट) के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं:
1. 🧱 रूढ़ शब्द (Rūdh Shabd)
रूढ़ का अर्थ है “प्रचलित“ या “परंपरा से चला आ रहा“।
परिभाषा (Definition)
ऐसे शब्द जो किसी विशेष अर्थ के लिए परंपरागत रूप से प्रसिद्ध हो चुके हैं, और जिनके टुकड़े करने पर (खंड करने पर) उन टुकड़ों का कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं निकलता, वे रूढ़ शब्द कहलाते हैं।
सरल शब्दों में, ये सबसे मूलभूत शब्द होते हैं।
विशेषताएँ (Characteristics)
- ये शब्द अपने आप में पूर्ण होते हैं।
- इनकी ध्वनियों या वर्णों को अलग करने पर वे निरर्थक हो जाते हैं।
उदाहरण (Examples)
| रूढ़ शब्द | खंड करने पर (टुकड़े) | अर्थ (Meaning) |
| घर | घ + र | घ या र का कोई अर्थ नहीं। |
| कल | क + ल | क या ल का कोई अर्थ नहीं। |
| पानी | पा + नी | पा या नी का कोई विशेष अर्थ नहीं। |
| हाथ | हा + थ | निरर्थक खंड। |
| पुस्तक | पुस् + तक | निरर्थक खंड। |
2. 🧩 यौगिक शब्द (Yaugik Shabd)
यौगिक का अर्थ है “योग से बना हुआ“ या “जुड़ा हुआ“।
परिभाषा (Definition)
ऐसे शब्द जो दो या दो से अधिक सार्थक (अर्थपूर्ण) शब्दों, शब्दांशों (उपसर्ग या प्रत्यय) या खंडों के मेल से बने होते हैं, और जिनका अर्थ उनके खंडों के अर्थ के अनुसार ही होता है, वे यौगिक शब्द कहलाते हैं।
विशेषताएँ (Characteristics)
- इन्हें तोड़ने पर भी दोनों खंडों का स्वतंत्र अर्थ निकलता है।
- इनका अर्थ साधारण होता है, जो खंडों के योग से बनता है।
- संधि, समास, उपसर्ग, और प्रत्यय से बनने वाले अधिकतर शब्द यौगिक होते हैं।
उदाहरण (Examples)
| यौगिक शब्द | खंड (सार्थक भाग) | खंडों का अर्थ |
| पाठशाला | पाठ + शाला | पढ़ने के लिए स्थान (शाला = स्थान)। |
| प्रधानमं | प्रधान + मंत्री | मुख्य मंत्री। |
| पुस्तकालय | पुस्तक + आलय | पुस्तकों का घर (आलय = घर)। |
| विज्ञान | वि (उपसर्ग) + ज्ञान | विशेष ज्ञान। |
| दूधवाला | दूध + वाला (प्रत्यय) | दूध बेचने वाला। |
3. 🔱 योगरूढ़ शब्द (Yogrūdh Shabd)
योगरूढ़ शब्द यौगिक और रूढ़ दोनों से मिलकर बना है।
परिभाषा (Definition)
ऐसे शब्द जो यौगिक तो होते हैं (यानी दो सार्थक खंडों से बने होते हैं), लेकिन वे अपने सामान्य या शाब्दिक अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ (प्रसिद्ध) हो जाते हैं, वे योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं।
विशेषताएँ (Characteristics)
- खंडन होता है: इन्हें तोड़ने पर सार्थक खंड मिलते हैं।
- विशेष अर्थ: ये खंड अपने शाब्दिक अर्थ को छोड़कर किसी तीसरे, विशेष अर्थ की ओर संकेत करते हैं।
- बहुव्रीहि समास के सभी उदाहरण योगरूढ़ शब्द होते हैं।
उदाहरण (Examples)
| योगरूढ़ शब्द | खंड (शाब्दिक अर्थ) | रूढ़ (विशेष/तीसरा अर्थ) |
| दशानन | दश (दस) + आनन (मुख) | रावण (दस मुखों वाला)। |
| पीताम्बर | पीत (पीला) + अम्बर (वस्त्र) | श्रीकृष्ण/विष्णु (पीले वस्त्र धारण करने वाला)। |
| पंकज | पंक (कीचड़) + ज (जन्म लेने वाला) | कमल (कीचड़ में तो और भी चीज़ें उगती हैं, लेकिन अर्थ कमल के लिए रूढ़ हो गया)। |
| जलज | जल + ज (जन्म लेने वाला) | कमल (जल में जन्म लेने वाला)। |
| लंबोदर | लम्बा + उदर (पेट) | गणेश (लम्बे पेट वाले)। |
🌟 तीनों प्रकारों का तुलनात्मक सार (Comparative Summary)
| शब्द का प्रकार | निर्माण (Structure) | खंडन (Breaking) | अर्थ (Meaning) |
| रूढ़ | मूलभूत, एकल शब्द | निरर्थक (अर्थहीन) खंड | परंपरागत, निश्चित |
| यौगिक | दो सार्थक खंडों का योग | सार्थक (अर्थपूर्ण) खंड | खंडों के योग के अनुसार (सामान्य अर्थ) |
| योगरूढ़ | दो सार्थक खंडों का योग | सार्थक (अर्थपूर्ण) खंड | विशेष/तीसरा अर्थ (निश्चित अर्थ के लिए रूढ़) |
यह जानकारी आपको रचना के आधार पर शब्दों के वर्गीकरण को स्पष्ट रूप से समझने में मदद करेगी।