क्या आप भी अक्सर RAM और ROM के बीच उलझ जाते हैं? क्या आप जानना चाहते हैं कि आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन के लिए कौन सी मेमोरी ज़्यादा ज़रूरी है? इस पोस्ट में हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर, इनका पूरा नाम और ये कैसे काम करती हैं, इस बारे में विस्तार से बताएँगे।
RAM का पूरा नाम और इसका क्या काम है ?
RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। इसे अस्थायी मेमोरी (Volatile Memory) भी कहते हैं। जब आप अपने कंप्यूटर या फोन पर कोई भी काम कर रहे होते हैं—जैसे कोई ऐप खोलना, वेबसाइट ब्राउज़ करना, या कोई गेम खेलना—तो वह डेटा RAM में स्टोर होता है और यही इसका काम है।
RAM की विशेषताएँ:
- यह डेटा को बहुत तेज़ी से पढ़ती और लिखती है।
- यह अस्थायी होती है; इसका मतलब है कि जब आप डिवाइस को बंद करते हैं, तो इसमें मौजूद सारा डेटा डिलीट हो जाता है।
- यह कंप्यूटर की वर्किंग मेमोरी है। जितनी ज़्यादा RAM होगी, आपका डिवाइस उतना ही तेज़ चलेगा और एक साथ ज़्यादा काम कर पाएगा।
उदाहरण:
जब आप कोई गेम खेलते हैं, तो गेम के सभी ज़रूरी डेटा और ग्राफ़िक्स RAM में लोड होते हैं, ताकि गेम बिना अटके चल सके।
दूसरे शब्दों में कहे तो किसी प्रोग्राम को चलाने में जो प्रोग्राम का जरुरी data फाइल होता है वह RAM पहले ही अपने अंदर सेव कर लेता है ताकि बाद में प्रोग्राम को आसानी से रन किया जा सके।
ROM का पूरा नाम और इसका क्या काम है ?
ROM का पूरा नाम Read-Only Memory है। इसे स्थायी मेमोरी (Non-Volatile Memory) कहते हैं। इसका मुख्य काम कंप्यूटर या डिवाइस के बेसिक स्टार्ट-अप निर्देशों को स्टोर करना होता है। ये निर्देश डिवाइस को यह बताते हैं कि शुरू (boot-up) कैसे होना है।
ROM की विशेषताएँ:
- इसमें मौजूद डेटा को सिर्फ़ पढ़ा जा सकता है, उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
- यह स्थायी होती है; इसका मतलब है कि डिवाइस के बंद होने पर भी इसका डेटा डिलीट नहीं होता।
- यह डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और बेसिक इनपुट/आउटपुट सिस्टम (BIOS) को स्टोर करती है।
उदाहरण:
आपके कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर जो BIOS चिप लगी होती है, वह ROM का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह कंप्यूटर को बताता है कि हार्ड ड्राइव को कैसे एक्सेस करना है या कीबोर्ड को कैसे पहचानना है।

RAM vs. ROM: मुख्य अंतर
| आधार | RAM (Random Access Memory) | ROM (Read-Only Memory) |
| प्रकृति | अस्थायी (Volatile) | स्थायी (Non-Volatile) |
| गति | बहुत तेज़ | RAM की तुलना में धीमी |
| उपयोग | डेटा प्रोसेसिंग और मल्टीटास्किंग के लिए | डिवाइस को स्टार्ट करने के निर्देशों के लिए |
| डेटा बदलना | डेटा बदला जा सकता है | डेटा बदला नहीं जा सकता |
| लागत | प्रति गीगाबाइट महँगी | प्रति गीगाबाइट सस्ती |
आपके लिए क्या ज़्यादा ज़रूरी है?
अगर आप अपने कंप्यूटर या फ़ोन की स्पीड बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको RAM पर ध्यान देना चाहिए। ज़्यादा RAM होने से आप एक साथ कई ऐप्स चला सकते हैं और आपका सिस्टम धीमा नहीं होगा।
अगर आप किसी डिवाइस में डेटा को हमेशा के लिए स्टोर करना चाहते हैं (जैसे हार्ड ड्राइव या SSD), तो यह ROM से संबंधित है, लेकिन सीधे-सीधे ROM नहीं है। ROM का काम तो सिर्फ़ डिवाइस को शुरू करने का है।
इसलिए, दोनों का अपना अलग और बहुत ही महत्वपूर्ण काम है, और वे एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।
क्या हम किसी कंप्यूटर की RAM को पूरी तरह से हटाकर, उसकी जगह किसी दूसरे स्टोरेज डिवाइस (जैसे SSD) को “मेन मेमोरी” बना सकते हैं?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं किया जा सकता है। SSD (Solid-State Drive) या हार्ड ड्राइव को RAM की जगह नहीं रखा जा सकता। इसकी मुख्य वजह स्पीड है। RAM बहुत तेज़ होती है और CPU को बहुत तेज़ी से डेटा देती है। SSD, हालांकि हार्ड ड्राइव से तेज़ होते हैं, फिर भी RAM की तुलना में बहुत धीमे होते हैं। अगर हम SSD को RAM की जगह इस्तेमाल करें, तो कंप्यूटर बहुत धीमा हो जाएगा और लगभग unusable हो जाएगा। RAM, CPU और स्टोरेज के बीच एक वर्कस्पेस (कार्यक्षेत्र) की तरह काम करती है, जहाँ ज़रूरी डेटा और प्रोग्राम्स तुरंत उपलब्ध होते हैं।
मोबाइल फ़ोन और कंप्यूटर की RAM में क्या अंतर है? क्या दोनों एक ही तकनीक का इस्तेमाल करते हैं?
जवाब: हाँ, दोनों में RAM का मुख्य काम एक ही है, लेकिन तकनीक में थोड़ा अंतर होता है। मोबाइल फ़ोन में आमतौर पर LPDDR (Low-Power DDR) RAM का इस्तेमाल होता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह कम बिजली की खपत करती है, जो मोबाइल की बैटरी लाइफ के लिए बहुत ज़रूरी है। वहीं, कंप्यूटर में ज़्यादातर DDR (Double Data Rate) RAM का उपयोग होता है, जो ज़्यादा तेज़ होती है और ज़्यादा बिजली की खपत करती है।
RAM को “Random Access” क्यों कहा जाता है, जबकि ROM भी रैंडम एक्सेस होती है?
जवाब: यह एक अच्छा सवाल है। तकनीकी रूप से, ROM भी एक प्रकार की रैंडम एक्सेस मेमोरी है, क्योंकि इसमें भी किसी भी लोकेशन पर सीधे पहुँचा जा सकता है, जैसे RAM में। लेकिन जब हम कंप्यूटर मेमोरी की बात करते हैं, तो “Random Access Memory” (RAM) का मतलब “Read/Write Random Access Memory” से होता है। इसका मतलब है कि RAM में डेटा को पढ़ा और लिखा दोनों जा सकता है, जबकि ROM (Read-Only Memory) में डेटा केवल पढ़ा जा सकता है। यही मुख्य अंतर है जिसकी वजह से RAM को विशेष रूप से “Random Access Memory” कहा जाता है।
अगर एक कंप्यूटर में 8 GB RAM और 16 GB ROM हो, तो क्या यह 16 GB ROM के कारण 16 GB RAM वाले कंप्यूटर से ज़्यादा तेज़ होगा?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं होगा। यह एक आम ग़लतफ़हमी है। RAM और ROM का काम पूरी तरह से अलग है। RAM का सीधा संबंध कंप्यूटर की स्पीड और मल्टीटास्किंग से होता है। जितनी ज़्यादा RAM होगी, कंप्यूटर उतने ही ज़्यादा प्रोग्राम्स एक साथ चला पाएगा और तेज़ी से काम करेगा। जबकि, ROM का साइज़ बहुत छोटा होता है और इसका काम सिर्फ कंप्यूटर को बूट करना होता है। 16 GB ROM का कोई मतलब नहीं होता, क्योंकि ROM में बहुत कम डेटा होता है, जो कभी बदलता नहीं है।
जब हम कंप्यूटर को चालू करते हैं तो क्या RAM और ROM दोनों एक साथ काम करना शुरू कर देते हैं?
नहीं, वे एक साथ काम नहीं करते। सबसे पहले ROM (Read-Only Memory) काम करना शुरू करती है। ROM में BIOS (Basic Input/Output System) या UEFI (Unified Extensible Firmware Interface) जैसे ज़रूरी निर्देश होते हैं, जो कंप्यूटर को बूट करने यानी चालू करने में मदद करते हैं। जब ये निर्देश सिस्टम को चेक करते हैं (POST – Power-On Self Test) और ऑपरेटिंग सिस्टम को हार्ड डिस्क से लोड करना शुरू करते हैं, तब जाकर RAM (Random Access Memory) काम करना शुरू करती है। RAM में ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे सभी प्रोग्राम्स लोड होते हैं।
क्या होता है जब आपके कंप्यूटर की RAM पूरी तरह से भर जाती है? क्या यह क्रैश हो जाएगा या बस धीमा हो जाएगा?
जवाब: जब RAM पूरी तरह से भर जाती है, तो कंप्यूटर आमतौर पर क्रैश नहीं होता, बल्कि बहुत धीमा हो जाता है। ऐसे में ऑपरेटिंग सिस्टम वर्चुअल मेमोरी (Virtual Memory) का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। यह हार्ड ड्राइव (जैसे SSD या HDD) पर एक स्पेस बनाता है जिसे रैम की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, हार्ड ड्राइव रैम की तुलना में बहुत धीमी होती है, इसलिए डेटा को हार्ड ड्राइव से रैम और फिर सीपीयू तक ले जाने में बहुत ज़्यादा समय लगता है, जिससे कंप्यूटर की परफॉर्मेंस काफी गिर जाती है।
क्या RAM कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी डेटा को कुछ समय के लिए स्टोर करके रख सकती है?
जवाब: नहीं, RAM एक अस्थिर (volatile) मेमोरी है। इसका मतलब है कि जब कंप्यूटर की पावर सप्लाई बंद हो जाती है, तो इसमें स्टोर किया गया सारा डेटा तुरंत मिट जाता है। यही कारण है कि अगर आप किसी डॉक्यूमेंट को सेव नहीं करते हैं और बिजली चली जाती है, तो वह खो जाता है। डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए हमें उसे हार्ड ड्राइव या SSD पर सेव करना पड़ता है।