वाक्य विश्लेषण (Sentence Analysis)

एक वाक्य सार्थक शब्दों का समूह होता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयोग होता है, तो उसे पद कहते हैं। किसी भी वाक्य के दो मुख्य अंग होते हैं: उद्देश्य और विधेय।
I. वाक्य के अंग (Parts of a Sentence)
वाक्य के दो मुख्य अंग होते हैं:
1. उद्देश्य (Subject)
- परिभाषा: वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाता है या जो क्रिया को करने वाला (कर्ता) होता है, उसे उद्देश्य कहते हैं।
- उदाहरण:
- <u>रमेश</u> किताब पढ़ता है। (पढ़ने वाला रमेश है)
- <u>मेहनती विद्यार्थी</u> सफल होते हैं। (बात मेहनती विद्यार्थी की हो रही है)
- उद्देश्य का विस्तार: कर्ता के साथ जुड़े हुए अन्य शब्द (जैसे विशेषण या वाक्यांश) जो कर्ता के अर्थ को स्पष्ट करते हैं, उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं। (उदाहरण में: “मेहनती”)
2. विधेय (Predicate)
- परिभाषा: उद्देश्य (कर्ता) के विषय में जो कुछ कहा जाता है या जो क्रिया और उसके सहायक तत्वों को दर्शाता है, उसे विधेय कहते हैं।
- उदाहरण:
- रमेश <u>किताब पढ़ता है</u>।
- मेहनती विद्यार्थी <u>सफल होते हैं</u>।
- विधेय का विस्तार: क्रिया के साथ जुड़े हुए अन्य शब्द (जैसे कर्म, क्रियाविशेषण, पूरक आदि) जो क्रिया के अर्थ को स्पष्ट करते हैं, विधेय का विस्तार कहलाते हैं। (उदाहरण में: “किताब”, “सफल”)
II. पद परिचय (Grammatical Identification/Analysis of a Word)
पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द (पद) का पूर्ण व्याकरणिक परिचय देना। इसमें उस पद की व्याकरणिक श्रेणी और उसका अन्य पदों से संबंध बताया जाता है।
एक पूर्ण पद परिचय में निम्न पहलुओं को शामिल किया जाता है:
1. संज्ञा पद का परिचय
- भेद: व्यक्तिवाचक, जातिवाचक या भाववाचक।
- लिंग: पुल्लिंग या स्त्रीलिंग।
- वचन: एकवचन या बहुवचन।
- कारक: कर्ता, कर्म, करण आदि।
- क्रिया से संबंध: वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का कर्ता या कर्म।
उदाहरण: <u>रमेश</u> किताब पढ़ता है।
- परिचय: संज्ञा (व्यक्तिवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता है’ क्रिया का कर्ता।
2. सर्वनाम पद का परिचय
- भेद: पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, संबंधवाचक आदि।
- पुरुष: उत्तम, मध्यम, या अन्य पुरुष।
- लिंग, वचन, कारक: संज्ञा की तरह।
- क्रिया से संबंध: क्रिया का कर्ता या कर्म।
उदाहरण: <u>वह</u> कल आएगा।
- परिचय: सर्वनाम (पुरुषवाचक-अन्य पुरुष), पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘आएगा’ क्रिया का कर्ता।
3. विशेषण पद का परिचय
- भेद: गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक या सार्वनामिक।
- अवस्था: मूलावस्था, उत्तरावस्था, या उत्तमावस्था।
- लिंग, वचन: विशेष्य (जिसकी विशेषता बताई जा रही है) के अनुसार।
- विशेष्य: उस संज्ञा या सर्वनाम का उल्लेख जिसकी विशेषता बता रहा है।
उदाहरण: उसने <u>सुंदर</u> चित्र बनाया।
- परिचय: विशेषण (गुणवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, ‘चित्र’ विशेष्य की विशेषता बता रहा है।
4. क्रिया पद का परिचय
- भेद: अकर्मक या सकर्मक।
- काल: भूतकाल, वर्तमानकाल या भविष्यत्काल।
- वाच्य: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य या भाववाच्य।
- लिंग, वचन: कर्ता/कर्म के अनुसार।
उदाहरण: रमेश किताब <u>पढ़ता है</u>।
- परिचय: क्रिया (सकर्मक), वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन, जिसका कर्ता ‘रमेश’ है।
5. अव्यय (क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक आदि) का परिचय
- भेद: क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक या विस्मयादिबोधक।
- संबंध/कार्य: वाक्य में जिसका संबंध बता रहा है।
उदाहरण: वह <u>तेज</u> दौड़ता है।
- परिचय: क्रियाविशेषण (रीतिवाचक), ‘दौड़ता है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
💡 उदाहरण के साथ अभ्यास
वाक्य: हमारा घर यहाँ से बहुत दूर है और कल वर्षा हुई थी।
| पद | उद्देश्य / विधेय | पद परिचय (Grammatical Analysis) |
| हमारा घर | उद्देश्य (कर्ता) | संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, ‘है’ क्रिया का कर्ता। (उद्देश्य का विस्तार: ‘हमारा’) |
| यहाँ से | विधेय का विस्तार | अव्यय (क्रियाविशेषण-स्थानवाचक), ‘दूर है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है। |
| बहुत | विधेय का विस्तार | अव्यय (क्रियाविशेषण-परिमाणवाचक), ‘दूर’ की विशेषता बता रहा है। |
| दूर है | विधेय (क्रिया) | क्रिया (अकर्मक), वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन। |
| और | विधेय का विस्तार | अव्यय (समुच्चयबोधक), दो वाक्यों (‘हमारा घर दूर है’ और ‘कल वर्षा हुई थी’) को जोड़ रहा है। |
| कल | विधेय का विस्तार | अव्यय (क्रियाविशेषण-कालवाचक), ‘हुई थी’ क्रिया के समय का बोध करा रहा है। |
| वर्षा | उद्देश्य | संज्ञा (जातिवाचक), स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हुई थी’ क्रिया की कर्ता। |
| हुई थी | विधेय (क्रिया) | क्रिया (अकर्मक), भूतकाल, कर्तृवाच्य, स्त्रीलिंग, एकवचन। |