निश्चित रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मानव नेत्र (Human Eye), इसके कार्यप्रणाली, और सबसे महत्वपूर्ण दृष्टि दोषों (Vision Defects) एवं उनके निवारण पर यह विस्तृत और केंद्रित पोस्ट यहाँ दी गई है।

मानव नेत्र प्रकृति का एक अद्भुत प्रकाशीय उपकरण है जो लेंस (Lens), पर्दा (Screen/Retina), और छिद्र (Aperture/Iris) के सिद्धांतों पर कार्य करता है।
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1. मानव नेत्र की संरचना और कार्य (Structure and Function)
मानव नेत्र एक कैमरा की तरह कार्य करता है, जहाँ विभिन्न भाग निम्नलिखित कार्य करते हैं:
| नेत्र का भाग | कार्य (Function) |
| कॉर्निया (Cornea) | नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश का अधिकांश अपवर्तन इसी बाहरी पारदर्शी भाग से होता है। |
| आईरिस (Iris) | यह एक माँसपेशीय डायाफ्राम है जो पुतली (Pupil) के आकार को नियंत्रित करता है। |
| पुतली (Pupil) | आँख के केंद्र में स्थित वह छिद्र जिससे प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है। |
| नेत्र लेंस (Eye Lens) | यह एक उत्तल लेंस (Convex Lens) होता है। यह रेटिना पर वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बनाता है। |
| सिलियरी मांसपेशियां (Ciliary Muscles) | ये लेंस के तनाव को नियंत्रित करके उसकी फोकस दूरी को समायोजित करती हैं। |
| रेटिना (Retina) | यह एक प्रकाश–संवेदनशील पर्दा है जिस पर प्रतिबिंब बनता है। इसमें शलाकाएँ (Rods) और शंकु (Cones) नामक कोशिकाएँ होती हैं। |
| पीत बिंदु (Yellow Spot) | रेटिना पर वह क्षेत्र जहाँ स्पष्टतम (Highest Resolution) प्रतिबिंब बनता है। |
| अंध बिंदु (Blind Spot) | वह बिंदु जहाँ से ऑप्टिक तंत्रिकाएँ बाहर निकलती हैं। यहाँ कोई शलाका या शंकु नहीं होती, इसलिए कोई दृष्टि संभव नहीं है। |
समंजन क्षमता (Power of Accommodation)
सिलियरी मांसपेशियों द्वारा नेत्र लेंस की फोकस दूरी को आवश्यकतानुसार समायोजित करने की क्षमता जिससे दूर और निकट की वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना पर स्पष्ट रूप से बने, समंजन क्षमता कहलाती है।
- निकट बिंदु (Near Point): सामान्य दृष्टि के लिए निकट बिंदु 25 cm होता है। इससे कम दूरी पर रखी वस्तुएँ धुंधली दिखाई देती हैं।
- दूर बिंदु (Far Point): सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु अनंत (Infinity) होता है।
2. प्रमुख दृष्टि दोष (Major Vision Defects)
जब नेत्र लेंस अपनी समंजन क्षमता खो देता है या नेत्र गोलक का आकार बदल जाता है, तो प्रतिबिंब रेटिना पर नहीं बन पाता, जिससे दृष्टि दोष उत्पन्न होते हैं।
A. निकट दृष्टि दोष (Myopia / Nearsightedness)
| विशेषताएँ | विवरण |
| पहचान | व्यक्ति निकट की वस्तुओं को स्पष्ट देख पाता है, लेकिन दूर की वस्तुएँ धुंधली दिखाई देती हैं। |
| दोष का कारण | 1. नेत्र लेंस की फोकस दूरी अत्यधिक कम हो जाना। 2. नेत्र गोलक का लंबा हो जाना। |
| प्रतिबिंब का स्थान | प्रतिबिंब रेटिना के सामने (In front of the Retina) बनता है। |
| निवारण (Correction) | अवतल लेंस (Concave Lens) का उपयोग किया जाता है। |
| सिद्धांत | अवतल लेंस अपसारी (Diverging) प्रकृति का होता है। यह प्रकाश किरणों को थोड़ा फैला देता है, जिससे वे रेटिना पर केंद्रित होती हैं। |
B. दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia / Farsightedness)
| विशेषताएँ | विवरण |
| पहचान | व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख पाता है, लेकिन निकट की वस्तुएँ धुंधली दिखाई देती हैं। |
| दोष का कारण | 1. नेत्र लेंस की फोकस दूरी अत्यधिक अधिक हो जाना। 2. नेत्र गोलक का छोटा हो जाना। |
| प्रतिबिंब का स्थान | प्रतिबिंब रेटिना के पीछे (Behind the Retina) बनता है। |
| निवारण (Correction) | उत्तल लेंस (Convex Lens) का उपयोग किया जाता है। |
| सिद्धांत | उत्तल लेंस अभिसारी (Converging) प्रकृति का होता है। यह प्रकाश किरणों को थोड़ा और केंद्रित करता है, जिससे वे रेटिना पर केंद्रित होती हैं। |
3. अन्य दृष्टि दोष और निवारण (Other Defects)
| दृष्टि दोष | पहचान | कारण | निवारण |
| जरा दूरदृष्टिता (Presbyopia) | बुढ़ापे के कारण निकट बिंदु दूर खिसक जाता है (निकट की वस्तुएँ नहीं दिखतीं)। | सिलियरी मांसपेशियों का कमजोर होना और लेंस के लचीलेपन में कमी। | द्विफोकसी लेंस (Bifocal Lens): ऊपरी भाग अवतल (दूर दृष्टि के लिए) और निचला भाग उत्तल (निकट दृष्टि के लिए)। |
| अबिंदुकता (Astigmatism) | क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दिशाओं में एक साथ स्पष्ट दिखाई नहीं देना। | कॉर्निया की अनियमित आकृति। | बेलनाकार लेंस (Cylindrical / Toric Lens)। |
| मोतियाबिंद (Cataract) | नेत्र लेंस का दूधिया (Milky) और धुंधला हो जाना। | आयु बढ़ने के कारण। | शल्य चिकित्सा (Surgery) द्वारा अपारदर्शी लेंस को हटाकर कृत्रिम लेंस लगाना। |
प्रतियोगी परीक्षा के लिए त्वरित तथ्य (Quick Facts)
- निकट दृष्टि दोष को कभी-कभी शॉर्टसाइटेडनेस (Shortsightedness) भी कहते हैं।
- दूर दृष्टि दोष को कभी-कभी लॉन्गसाइटेडनेस (Longsightedness) भी कहते हैं।
- लेंस की क्षमता का SI मात्रक डायोप्टर (D) है।
- निकट दृष्टि दोष के चश्मे का नंबर ऋणात्मक (Negative) होता है (अवतल लेंस)।
- दूर दृष्टि दोष के चश्मे का नंबर धनात्मक (Positive) होता है (उत्तल लेंस)।
यह विस्तृत जानकारी आपको मानव नेत्र और दृष्टि दोषों से संबंधित सभी संभावित प्रश्नों का उत्तर देने में सहायता करेगी।
मानव नेत्र और दृष्टि दोष: 50 संभावित प्रश्नोत्तर
भाग 1: मानव नेत्र की संरचना और कार्यप्रणाली
| क्र.सं. | प्रश्न (Question) | उत्तर (Answer) |
| 1 | मानव नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की अधिकतम मात्रा का अपवर्तन कहाँ होता है? | कॉर्निया (Cornea) पर। |
| 2 | नेत्र का वह भाग कौन सा है जो नेत्र के रंग (जैसे नीला या भूरा) के लिए जिम्मेदार होता है? | आईरिस (Iris)। |
| 3 | आँख के केंद्र में स्थित वह छिद्र जिससे प्रकाश प्रवेश करता है, क्या कहलाता है? | पुतली (Pupil)। |
| 4 | पुतली के आकार को कौन नियंत्रित करता है? | आईरिस। |
| 5 | मानव नेत्र लेंस की प्रकृति कैसी होती है? | उत्तल लेंस (Convex Lens)। |
| 6 | नेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करने की क्षमता क्या कहलाती है? | समंजन क्षमता (Power of Accommodation)। |
| 7 | नेत्र लेंस का कार्य क्या है? | रेटिना पर वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बनाना। |
| 8 | रेटिना पर कितने प्रकार की प्रकाश-संवेदनशील कोशिकाएँ होती हैं? | दो: शलाकाएँ (Rods) और शंकु (Cones)। |
| 9 | शलाकाएँ (Rods) किस कार्य के लिए जिम्मेदार होती हैं? | मंद प्रकाश में दृष्टि (Dim Light Vision) और रंग की पहचान नहीं। |
| 10 | शंकु (Cones) किस कार्य के लिए जिम्मेदार होते हैं? | रंगों की पहचान (Color Vision) और तेज प्रकाश में दृष्टि। |
| 11 | स्वस्थ आँख के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (निकट बिंदु) कितनी होती है? | । |
| 12 | स्वस्थ आँख का दूर बिंदु (Far Point) कहाँ स्थित होता है? | अनंत (Infinity) पर। |
| 13 | रेटिना पर सबसे स्पष्ट (Sharpest) प्रतिबिंब कहाँ बनता है? | पीत बिंदु (Yellow Spot) या फोविया पर। |
| 14 | नेत्र लेंस और रेटिना के बीच के स्थान में कौन सा तरल पदार्थ भरा होता है? | काचाभ द्रव (Vitreous Humour)। |
| 15 | नेत्र के अग्रभाग (कॉर्निया और लेंस के बीच) में भरा तरल पदार्थ क्या कहलाता है? | नेत्रोद (Aqueous Humour)। |
| 16 | मानव नेत्र द्वारा निर्मित प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी होती है? | वास्तविक (Real) और उल्टा (Inverted)। |
| 17 | प्रकाश संवेदनशील कोशिकाएँ किस तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क को संकेत भेजती हैं? | दृष्टि तंत्रिका (Optic Nerve)। |
| 18 | रेटिना पर वह बिंदु जहाँ दृष्टि तंत्रिका आँख से निकलती है और कोई दृष्टि संभव नहीं होती? | अंध बिंदु (Blind Spot)। |
| 19 | आँख के अंदर प्रकाश की मात्रा कौन नियंत्रित करता है? | पुतली (Pupil)। |
| 20 | किस आयु में नेत्र लेंस का लचीलापन कम होने लगता है? | लगभग 40 वर्ष की आयु के बाद। |
भाग 2: दृष्टि दोष और उनका निवारण
| क्र.सं. | प्रश्न (Question) | उत्तर (Answer) |
| 21 | निकट दृष्टि दोष (Myopia) क्या है? | निकट की वस्तुएँ स्पष्ट दिखती हैं, पर दूर की नहीं। |
| 22 | मायोपिया (Myopia) का मुख्य कारण क्या है? | नेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक कम हो जाना या नेत्र गोलक का लंबा हो जाना। |
| 23 | निकट दृष्टि दोष में प्रतिबिंब रेटिना पर कहाँ बनता है? | रेटिना के सामने (In front of the Retina)। |
| 24 | निकट दृष्टि दोष को ठीक करने के लिए कौन सा लेंस उपयोग किया जाता है? | अवतल लेंस (Concave Lens)। |
| 25 | अवतल लेंस की क्षमता का चिन्ह (Sign) कैसा होता है? | ऋणात्मक (Negative)। |
| 26 | दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) क्या है? | दूर की वस्तुएँ स्पष्ट दिखती हैं, पर निकट की नहीं। |
| 27 | हाइपरमेट्रोपिया (Hypermetropia) का मुख्य कारण क्या है? | नेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक अधिक हो जाना या नेत्र गोलक का छोटा हो जाना। |
| 28 | दूर दृष्टि दोष में प्रतिबिंब रेटिना पर कहाँ बनता है? | रेटिना के पीछे (Behind the Retina)। |
| 29 | दूर दृष्टि दोष को ठीक करने के लिए कौन सा लेंस उपयोग किया जाता है? | उत्तल लेंस (Convex Lens)। |
| 30 | उत्तल लेंस की क्षमता का चिन्ह (Sign) कैसा होता है? | धनात्मक (Positive)। |
| 31 | जरा दूरदृष्टिता (Presbyopia) किसे कहते हैं? | बुढ़ापे के कारण समंजन क्षमता में कमी आना। |
| 32 | जरा दूरदृष्टिता के निवारण के लिए किस लेंस का उपयोग होता है? | द्विफोकसी लेंस (Bifocal Lens)। |
| 33 | द्विफोकसी लेंस के ऊपरी भाग में कौन सा लेंस होता है? | अवतल लेंस (दूर की दृष्टि के लिए)। |
| 34 | द्विफोकसी लेंस के निचले भाग में कौन सा लेंस होता है? | उत्तल लेंस (निकट की दृष्टि के लिए)। |
| 35 | अबिंदुकता (Astigmatism) का कारण क्या है? | कॉर्निया की अनियमित वक्रता। |
| 36 | अबिंदुकता (Astigmatism) को ठीक करने के लिए कौन सा लेंस उपयोग होता है? | बेलनाकार लेंस (Cylindrical Lens)। |
| 37 | मोतियाबिंद (Cataract) में नेत्र का कौन सा भाग प्रभावित होता है? | नेत्र लेंस (यह दूधिया और अपारदर्शी हो जाता है)। |
| 38 | मोतियाबिंद का निवारण कैसे किया जाता है? | शल्य चिकित्सा (Surgery) द्वारा कृत्रिम लेंस लगाकर। |
| 39 | किसी व्यक्ति के चश्मे की क्षमता | निकट दृष्टि दोष (चूँकि क्षमता ऋणात्मक है)। |
| 40 | नेत्र के डॉक्टर द्वारा निर्धारित क्षमता (Power) | । |
भाग 3: अनुप्रयोग और विविध तथ्य
| क्र.सं. | प्रश्न (Question) | उत्तर (Answer) |
| 41 | अंधेरे में हमारी आँख की पुतली का आकार कैसा हो जाता है? | बड़ा (Increased)। |
| 42 | तीव्र प्रकाश में हमारी आँख की पुतली का आकार कैसा हो जाता है? | छोटा (Decreased)। |
| 43 | यदि किसी आँख का निकट बिंदु | दूर दृष्टि दोष (निकट बिंदु |
| 44 | जब प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाता है तो उसकी चाल पर क्या प्रभाव पड़ता है? | चाल कम हो जाती है। |
| 45 | इंद्रधनुष (Rainbow) बनने में कौन सा प्रकाशीय उपकरण (Optics Element) प्राकृतिक रूप से कार्य करता है? | वर्षा की बूँदें (जो प्रिज्म की तरह कार्य करती हैं)। |
| 46 | दूरबीन (Telescope) में किस प्रकार के लेंसों का उपयोग किया जाता है? | उत्तल लेंस। |
| 47 | रंगों में अंतर न कर पाने की स्थिति क्या कहलाती है? | वर्णांधता (Color Blindness)। |
| 48 | वर्णांधता मुख्य रूप से किन कोशिकाओं की कमी से होती है? | शंकु कोशिकाएँ (Cone Cells)। |
| 49 | आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश का अधिकांश अपवर्तन कॉर्निया पर होता है, तो नेत्र लेंस का मुख्य कार्य क्या है? | फोकस दूरी को समायोजित करना (Fine Tuning of Focal Length)। |
| 50 | आँखों के विभिन्न दोषों के निवारण के लिए उपयोग किए जाने वाले लेंस किस सिद्धांत पर कार्य करते हैं? | प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light)। |
ये 50 प्रश्न मानव नेत्र की कार्यप्रणाली, दृष्टि दोषों के कारणों, और उनके निवारण पर केंद्रित हैं, जो परीक्षा में आपके अंक बढ़ाने में मदद करेंगे।