मध्य प्रदेश को ‘नदियों का मायका’, ‘हृदय प्रदेश’, और ‘टाइगर स्टेट’ कहा जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए MP की प्रमुख नदियाँ, पर्वत और राष्ट्रीय उद्यानों का विस्तृत और केंद्रित विवरण यहाँ दिया गया है

1. मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of MP) 🏞️
MP में नदियों का घना जाल है। इन्हें मुख्य रूप से दो प्रवाह प्रणालियों में बाँटा जाता है: पश्चिम की ओर बहने वाली (अरब सागर में) और उत्तर/पूर्व की ओर बहने वाली (गंगा बेसिन में)।
| नदी (River) | उद्गम स्थल (Origin) | प्रवाह की दिशा | प्रमुख शहर/विशेषताएँ (परीक्षा फोकस) |
| नर्मदा (Narmada) | अमरकंटक चोटी (मैकाल श्रेणी, अनूपपुर) | पश्चिम | MP की जीवन रेखा। धुआँधार जलप्रपात (भेड़ाघाट), कपिलधारा, और सहस्रधारा जलप्रपात। |
| ताप्ती (Tapti) | मुल्ताई (बैतूल जिला) | पश्चिम | नर्मदा के समानांतर बहती है। सूरत शहर इसके किनारे स्थित है। |
| चंबल (Chambal) | जानापाव पहाड़ी (महू, इंदौर) | उत्तर | यमुना की सहायक नदी। गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर बांध और चूलिया जलप्रपात। |
| सोन (Son) | अमरकंटक चोटी (अनूपपुर) | उत्तर/पूर्व | गंगा की सहायक नदी। सीधे गंगा में मिलती है। |
| बेतवा (Betwa) | कुम्हारा गाँव (रायसेन) | उत्तर | यमुना की सहायक नदी। इस पर माताटीला बांध (रानी लक्ष्मीबाई) और साँची स्थित हैं। |
| क्षिप्रा (Kshipra) | काकरीबर्डी पहाड़ी (इंदौर) | उत्तर | चंबल की सहायक। उज्जैन (महाकालेश्वर) इसके किनारे स्थित है। |
2. मध्य प्रदेश के पर्वत और पर्वतमालाएँ (Mountains and Ranges) ⛰️
MP मुख्य रूप से पठारों और दो प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं का हिस्सा है।
| पर्वतमाला (Range) | स्थान/दिशा | प्रमुख चोटी (Peak) | परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य |
| सतपुड़ा–मैकाल श्रेणी | राज्य के दक्षिणी भाग में (पूर्व से पश्चिम तक) | धूपगढ़ (Dhoopgarh): 1350 मीटर (सतपुड़ा और MP की सबसे ऊँची चोटी)। | नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच जल विभाजक (Water Divide) का कार्य करती है। |
| विंध्यांचल श्रेणी | राज्य के मध्य और उत्तरी भाग (पूर्व से पश्चिम तक) | सदभावना/कलुमार चोटी: 752 मीटर। | नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित। उत्तर भारत और प्रायद्वीपीय भारत को अलग करती है। |
| मालवा का पठार | राज्य के पश्चिमी मध्य भाग में | सिगार (Sigar): 881 मीटर (मालवा की सबसे ऊँची चोटी)। | यह पठार काली मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है, जो ज्वालामुखी चट्टानों से बनी है। |
3. मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान (National Parks of MP) 🐅🦌
MP को ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यहाँ बाघों की संख्या भारत में सर्वाधिक है। राज्य में 12 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जिनमें से 6 टाइगर रिजर्व हैं।
| राष्ट्रीय उद्यान (National Park) | जिला | स्थापना वर्ष/स्थिति | परीक्षा हेतु मुख्य विशेषताएँ |
| कान्हा किसली | मंडला, बालाघाट | 1955 (पहला राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व) | यहाँ होलों डैन (Holo’s Daun) नामक हिरण की प्रजाति (Barasingha) पायी जाती है। |
| बांधवगढ़ | उमरिया | 1968 (टाइगर रिजर्व) | यह सफेद बाघों के लिए प्रसिद्ध था। बाघ घनत्व (Tiger Density) सर्वाधिक है। 32 पहाड़ियों से घिरा है। |
| पेंच | सिवनी, छिंदवाड़ा | 1975 (टाइगर रिजर्व) | इसका नाम अब इंदिरा प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान है। रुडयार्ड किपलिंग की ‘जंगल बुक’ की प्रेरणा। |
| सतपुड़ा | होशंगाबाद (नर्मदापुरम) | 1981 (टाइगर रिजर्व) | यह घने सागौन (Teak) वनों के लिए प्रसिद्ध है। |
| पन्ना | पन्ना, छतरपुर | 1981 (टाइगर रिजर्व) | यहाँ केन घड़ियाल अभयारण्य स्थित है। |
| संजय (संजय डुबरी) | सीधी, सिंगरौली | 1981 (टाइगर रिजर्व) | छत्तीसगढ़ में इसका विस्तार गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के नाम से है। |
| वन विहार | भोपाल | 1979 | यह एक आधुनिक चिड़ियाघर के रूप में विकसित है और इसे आदर्श राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं। |
| माधव | शिवपुरी | 1958 | यहाँ सांख्य सागर झील है। राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 इससे होकर गुज़रता था। |
| जीवाश्म/फोसिल (Fossil) | डिंडोरी | 1983 | यह भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। पादप जीवाश्म संरक्षित हैं। |
| डायनासोर जीवाश्म | धार | 2010 | डायनासोर के अंडे और जीवाश्म संरक्षित हैं। |
| ओम्कारेश्वर | खंडवा | 2004 | नर्मदा नदी के किनारे स्थित। |
| पालपुर–कूनो | श्योपुर | 2018 | अफ्रीकी चीतों को बसाने के लिए प्रसिद्ध। |
अगर आपको जानकारी समझ नहीं आ रही है तो में आपको जानकरी को पेराग्राफ में भी लिख कर दे रहा आप अपनी सहूलियत के अनुसार ये जानकारी को याद कर सकते है .
मध्य प्रदेश का भूगोल: नदियाँ, पर्वत और राष्ट्रीय उद्यान (परीक्षा केंद्रित प्रस्तुति) 🏞️🐅
मध्य प्रदेश को इसकी केंद्रीय स्थिति के कारण ‘हृदय प्रदेश’ और वन्यजीवों की प्रचुरता के कारण ‘टाइगर स्टेट’ कहा जाता है। यहाँ का भूगोल तीन स्तंभों—नदी तंत्र, पर्वत श्रृंखलाएँ, और संरक्षित वन क्षेत्र—पर आधारित है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
1. मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ: नदियों का मायका
MP को ‘नदियों का मायका’ कहा जाता है क्योंकि यह कई प्रमुख नदी प्रणालियों का उद्गम स्थल है। यहाँ की नदियाँ मुख्यतः दो दिशाओं में बहती हैं:
पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ (Arabian Sea System)
- नर्मदा नदी: यह MP की जीवन रेखा है। इसका उद्गम मैकाल श्रेणी की अमरकंटक चोटी (अनूपपुर) से होता है। यह नदी भ्रंश घाटी (Rift Valley) में बहती है और खंभात की खाड़ी (अरब सागर) में गिरने से पहले एश्चुअरी (ज्वारनदमुख) बनाती है। इस पर प्रसिद्ध धुआँधार जलप्रपात (भेड़ाघाट) और कपिलधारा जलप्रपात स्थित हैं।
- ताप्ती नदी: इसका उद्गम बैतूल जिले के मुल्ताई से होता है। यह नर्मदा के समानांतर भ्रंश घाटी में बहती है और अरब सागर में मिलती है।
उत्तर/पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ (Ganga Basin System)
- चंबल नदी: इसका उद्गम इंदौर के पास जानापाव पहाड़ी (महू) से होता है। यह यमुना की प्रमुख सहायक नदी है और अपने गहरे बीहड़ों (Ravines) के लिए प्रसिद्ध है। इस पर गांधी सागर बांध और चूलिया जलप्रपात (मंदसौर) स्थित है।
- सोन नदी: यह भी अमरकंटक चोटी से निकलती है, लेकिन उत्तर-पूर्व दिशा में बहकर सीधे गंगा नदी में मिल जाती है।
- बेतवा नदी: इसका उद्गम रायसेन जिले के कुम्हारा गाँव से होता है। यह यमुना की सहायक है और इस पर प्रसिद्ध माताटीला बांध (रानी लक्ष्मीबाई परियोजना) स्थित है। इसके किनारे साँची और विदिशा जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं।
- क्षिप्रा नदी: यह इंदौर की काकरीबर्डी पहाड़ी से निकलती है और चंबल में मिलती है। उज्जैन (महाकालेश्वर) इसी के किनारे स्थित है, जहाँ सिंहस्थ कुंभ मेला आयोजित होता है।
2. मध्य प्रदेश की पर्वतमालाएँ और भौगोलिक संरचना
MP का भौगोलिक ढाँचा दो मुख्य पर्वत श्रृंखलाओं और विशाल पठारी भागों से निर्मित है।
- सतपुड़ा–मैकाल श्रेणी: यह राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है और नर्मदा तथा ताप्ती नदियों के बीच जल विभाजक (Water Divide) का कार्य करती है। इस श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ (Dhoopgarh) है, जिसकी ऊँचाई 1350 मीटर है। यह चोटी पंचमढ़ी (पर्यटन स्थल) के पास स्थित है और पूरे मध्य प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी है।
- विंध्यांचल श्रेणी: यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है और उत्तर भारत तथा प्रायद्वीपीय भारत को भौगोलिक रूप से अलग करती है। इसकी सबसे ऊँची चोटी सदभावना या कलुमार चोटी (752 मीटर) है।
- मालवा का पठार: यह राज्य के पश्चिमी–मध्य भाग में स्थित है और ज्वालामुखी चट्टानों से निर्मित होने के कारण काली मिट्टी की प्रचुरता यहाँ पाई जाती है। यह क्षेत्र कृषि के लिए अत्यधिक उपजाऊ है।
- भौगोलिक महत्व: ये पर्वतमालाएँ राज्य की जलवायु को प्रभावित करती हैं और मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा में सहायता करती हैं।
3. मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान: टाइगर स्टेट का गौरव
MP में भारत के सर्वाधिक बाघ पाए जाते हैं, इसलिए यह ‘टाइगर स्टेट’ कहलाता है। यहाँ 12 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जिनमें से 6 टाइगर रिजर्व हैं, जो वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी हैं।
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान: यह MP का पहला राष्ट्रीय उद्यान (1955) और पहला टाइगर रिजर्व है। यह मंडला और बालाघाट जिलों में फैला है और यहाँ होलों डैन नामक बारहसिंगा की दुर्लभ प्रजाति (स्टेट एनिमल) का सफल संरक्षण किया गया है।
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान: (उमरिया जिला) यह सर्वाधिक बाघ घनत्व के लिए प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ है कि यहाँ प्रति वर्ग किलोमीटर में बाघों की संख्या सबसे अधिक है। यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान: (सिवनी/छिंदवाड़ा) इसका नाम अब इंदिरा प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान है। यह रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध रचना ‘जंगल बुक’ की प्रेरणा भूमि माना जाता है।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान: (नर्मदापुरम) यह घने सागौन (Teak) वनों के लिए जाना जाता है और एक महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान: यह अपनी पुनर्जनन क्षमता (Regeneration Capacity) के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ केन घड़ियाल अभयारण्य स्थित है।
- पालपुर–कूनो राष्ट्रीय उद्यान: (श्योपुर) यह हाल ही में अफ्रीकी चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम के कारण वैश्विक चर्चा में आया है।
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान: (भोपाल) यह एक आधुनिक चिड़ियाघर की तरह विकसित है और इसे आदर्श राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं।
- जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान: (डिंडोरी) यह भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है और यहाँ पादप जीवाश्म संरक्षित हैं।
यह विस्तृत जानकारी आपको MP के भूगोल के इन तीनों प्रमुख क्षेत्रों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को याद रखने में मदद करेगी। अब आप अगले विषय के साथ आगे बढ़ सकते हैं।