
लिंग (Gender) – पहचान और परिवर्तन
1. लिंग (Ling / Gender) क्या है?
- परिभाषा: शब्द के जिस रूप से यह पता चलता है कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
2. लिंग के भेद (Types of Gender)
हिंदी में लिंग के मुख्य रूप से दो (2) भेद होते हैं:
A. पुल्लिंग (Pulling / Masculine Gender)
जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं।
- उदाहरण:
- प्राणी: पिता, राजा, लड़का, आदमी।
- वस्तु/पदार्थ: मकान, पहाड़, लोहा, सोना, तेल, कपड़ा।
- भाव: क्रोध, प्रेम, दुःख।
B. स्त्रीलिंग (Strīling / Feminine Gender)
जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं।
- उदाहरण:
- प्राणी: माता, रानी, लड़की, औरत।
- वस्तु/पदार्थ: नदी, रोटी, हवा, चाँदी, दाल, चाय।
- भाव: ममता, दया, सुंदरता।
3. लिंग की पहचान (Identification of Gender)
हिंदी में निर्जीव वस्तुओं का कोई प्राकृतिक लिंग नहीं होता, इसलिए उन्हें पहचानने के लिए क्रिया, विशेषण या सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है:
| पहचान का तरीका (Method) | पुल्लिंग (Masculine) | स्त्रीलिंग (Feminine) |
| क्रिया का प्रयोग | मेरा कुत्ता भौंकता है। | मेरी बिल्ली दौड़ती है। |
| विशेषण का प्रयोग | बड़ा घर। (पुल्लिंग विशेषण) | बड़ी किताब। (स्त्रीलिंग विशेषण) |
| वाक्य प्रयोग | मेरा नाम। | मेरी कलम। |
💡 पुल्लिंग शब्दों की सामान्य पहचान:
- पर्वतों के नाम: हिमालय, कैलाश।
- महीनों के नाम: जनवरी, फरवरी (कुछ अपवादों को छोड़कर)।
- अनाजों के नाम: गेहूँ, चावल, चना (अपवाद: ज्वार, मकई)।
- ‘आ’, ‘पन’, ‘पा’ अंत वाले शब्द: कपड़ा, बुढ़ापा, बचपन, मोटापा।
💡 स्त्रीलिंग शब्दों की सामान्य पहचान:
- नदियों के नाम: गंगा, यमुना, सरस्वती (अपवाद: ब्रह्मपुत्र)।
- तिथियों के नाम: एकादशी, पूर्णिमा।
- भाषाओं के नाम: हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत।
- ‘ई’, ‘ता’, ‘इया’ अंत वाले शब्द: नदी, सुंदरता, डिबिया, टोपी।
4. लिंग परिवर्तन (Gender Transformation)
पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में और स्त्रीलिंग शब्दों को पुल्लिंग में बदलने के कुछ सामान्य नियम (प्रत्यय लगाकर) निम्नलिखित हैं:
| नियम (Rule) | पुल्लिंग (Masculine) | स्त्रीलिंग (Feminine) |
| ‘आ’ → ‘ई’ | बेटा | बेटी |
| ‘अक’ → ‘इका’ | बालक | बालिका |
| ‘आ’ → ‘इया’ | बूढ़ा | बुढ़िया |
| ‘आनी’ जोड़ना | नौकर | नौकरानी |
| ‘इन’ जोड़ना | माली | मालिन |
| ‘नी’ जोड़ना | शेर | शेरनी |
| संपूर्ण बदलाव | भाई | भाभी / बहन |
| कवि | कवयित्री | |
| पति | पत्नी |
वचन (Vachan / Number) – पहचान और परिवर्तन
1. वचन (Vachan / Number) क्या है?
- परिभाषा: शब्द के जिस रूप से हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, या प्राणी के एक (One) होने का या एक से अधिक (More than One) होने का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
2. वचन के भेद (Types of Number)
हिंदी में वचन के मुख्य रूप से दो (2) भेद होते हैं:
A. एकवचन (Ekavachan / Singular Number)
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या प्राणी की संख्या में एक होने का बोध कराते हैं, वे एकवचन कहलाते हैं।
- उदाहरण:
- व्यक्ति/प्राणी: लड़का, घोड़ा, माता, पुस्तक, लड़की।
- वस्तु/पदार्थ: कपड़ा, रुपया, नदी, कमरा।
- भाव: बुढ़ापा, प्रेम, सत्य।
B. बहुवचन (Bahuvachan / Plural Number)
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या प्राणी की संख्या में एक से अधिक होने का बोध कराते हैं, वे बहुवचन कहलाते हैं।
- उदाहरण:
- व्यक्ति/प्राणी: लड़के, घोड़े, माताएँ, पुस्तकें, लड़कियाँ।
- वस्तु/पदार्थ: कपड़े, रुपये, नदियाँ, कमरे।
3. वचन की पहचान (Identification of Number)
वचन की पहचान मुख्य रूप से दो तरीकों से की जाती है:
1. संज्ञा या सर्वनाम शब्द द्वारा:
जब संज्ञा या सर्वनाम स्वयं ही एकवचन या बहुवचन रूप में हो।
- एकवचन: लड़का पढ़ रहा है। मैं जा रहा हूँ।
- बहुवचन: लड़के पढ़ रहे हैं। हम जा रहे हैं।
2. क्रिया के रूप द्वारा:
जब संज्ञा और सर्वनाम का रूप दोनों वचनों में समान रहता है, तब क्रिया से वचन की पहचान होती है।
- एकवचन: पेड़ गिर गया।
- बहुवचन: पेड़ गिर गए।
- एकवचन: नेताजी आ रहे हैं। (आदरसूचक बहुवचन, लेकिन क्रिया से पता चलता है कि बात एक व्यक्ति की हो रही है)
4. वचन परिवर्तन के नियम (Rules for Number Transformation)
एकवचन से बहुवचन बनाने के कुछ सामान्य नियम निम्नलिखित हैं:
| नियम (Rule) | एकवचन (Singular) | बहुवचन (Plural) |
| ‘आ’ → ‘ए’ | लड़का | लड़के |
| ‘अ’ → ‘एँ’ | बहन | बहनें |
| ‘आ’ → ‘एँ’ | माता | माताएँ |
| ‘इ’ या ‘ई’ → ‘इयाँ’ | नदी (ई) | नदियाँ (इयाँ) |
| लड़की (ई) | लड़कियाँ (इयाँ) | |
| ‘उ’ या ‘ऊ’ → ‘एँ’ | वस्तु | वस्तुएँ |
| ‘जन/गण/लोग/वृंद’ जोड़ना | गुरु | गुरुजन |
| अधिकारी | अधिकारीगण | |
| छात्र | छात्रवृंद |
5. विशेष नियम (Special Rules)
कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा या तो एकवचन में या बहुवचन में ही किया जाता है:
| हमेशा एकवचन (Always Singular) | हमेशा बहुवचन (Always Plural) |
| द्रव्यवाचक संज्ञाएँ: पानी, दूध, सोना, चाँदी, तेल। | आदर सूचक शब्द: आप, गुरुजन। |
| भाववाचक संज्ञाएँ: क्रोध, प्रेम, सत्य, मोह। | प्राणी सूचक शब्द: प्राण, दर्शन, बाल, आँसू, हस्ताक्षर। |
| समूहवाचक संज्ञाएँ: भीड़, जनता, सेना। | उदाहरण: मेरे आँसू निकल पड़े। मैंने दर्शन किए। |
काल (Kāl / Tense) – भूत, वर्तमान, और भविष्य
1. काल (Tense) क्या है?
- परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का समय और उसकी अवस्था का बोध होता है, उसे काल कहते हैं।
- सरल शब्दों में, क्रिया कब हुई (अतीत में), कब हो रही है (वर्तमान में), या कब होगी (भविष्य में)—यह बताने वाले को काल कहते हैं।
2. काल के मुख्य भेद (Main Types of Tense)
काल के मुख्य रूप से तीन (3) भेद होते हैं, जिन्हें उनके समय के अनुसार विभाजित किया गया है:
A. भूतकाल (Bhūtkāl / Past Tense)
- परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य बीते हुए समय (Past Time) में समाप्त हो चुका है।
- पहचान: वाक्यों के अंत में अक्सर था, थी, थे, चुका था, चुकी थी, चुके थे आते हैं।
- उदाहरण:
- वह गया था।
- मैंने खाना खाया।
- बच्चे खेल रहे थे।
B. वर्तमान काल (Vartmān Kāl / Present Tense)
- परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य वर्तमान समय (Present Time) में हो रहा है।
- पहचान: वाक्यों के अंत में अक्सर है, हैं, हूँ, रहा है, रही है, रहे हैं आते हैं।
- उदाहरण:
- वह पढ़ता है।
- पक्षी उड़ रहे हैं।
- मैं लिख रहा हूँ।
C. भविष्यत काल (Bhaviṣyat Kāl / Future Tense)
- परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य आने वाले समय (Future Time) में होगा।
- पहचान: वाक्यों के अंत में अक्सर गा, गी, गे आते हैं।
- उदाहरण:
- हम कल स्कूल जाएँगे।
- शायद वर्षा होगी।
- वह पत्र लिखेगी।
3. कालों के उपभेद (Sub-types of Tenses)
प्रत्येक काल के आगे और भी उपभेद होते हैं, जो क्रिया के कार्य की अवस्था (पूरा हुआ, जारी है, या संदिग्ध है) को दर्शाते हैं:
1. भूतकाल के उपभेद (Sub-types of Past Tense)
| उपभेद (Sub-Type) | अवस्था (State) | उदाहरण (Example) |
| सामान्य भूत (Simple Past) | कार्य सामान्यतः बीत चुका। | राम गया। |
| आसन्न भूत (Recent Past) | कार्य अभी-अभी समाप्त हुआ। | राम गया है। |
| पूर्ण भूत (Past Perfect) | कार्य बहुत पहले समाप्त हो चुका था। | राम गया था। |
| अपूर्ण भूत (Past Continuous) | कार्य भूतकाल में जारी था। | राम जा रहा था। |
| संदिग्ध भूत (Doubtful Past) | कार्य भूतकाल में हुआ होगा, संदेह है। | राम गया होगा। |
| हेतुहेतुमद् भूत (Conditional Past) | एक क्रिया दूसरी पर निर्भर थी। | यदि राम पढ़ता, तो पास होता। |
2. वर्तमान काल के उपभेद (Sub-types of Present Tense)
| उपभेद (Sub-Type) | अवस्था (State) | उदाहरण (Example) |
| सामान्य वर्तमान (Simple Present) | कार्य सामान्य रूप से होता है। | राम पढ़ता है। |
| अपूर्ण वर्तमान (Present Continuous) | कार्य वर्तमान में जारी है। | राम पढ़ रहा है। |
| संदिग्ध वर्तमान (Doubtful Present) | कार्य वर्तमान में हो रहा होगा, संदेह है। | राम पढ़ता होगा। |
3. भविष्यत काल के उपभेद (Sub-types of Future Tense)
| उपभेद (Sub-Type) | अवस्था (State) | उदाहरण (Example) |
| सामान्य भविष्यत (Simple Future) | कार्य सामान्य रूप से होगा। | राम पढ़ेगा। |
| संदिग्ध भविष्यत (Doubtful Future) | भविष्य में कार्य होने में संदेह। | शायद राम आएगा। |
| संभाव्य भविष्यत (Probable Future) | भविष्य में कार्य होने की संभावना। | हो सकता है कि वह जीते। |
कारक (Kārak / Case)
1. कारक क्या है?
- परिभाषा: संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य की क्रिया (Verb) या अन्य शब्दों के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।
- परसर्ग / विभक्ति चिह्न: कारक को प्रकट करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ जो चिह्न (Mark) लगाए जाते हैं, उन्हें परसर्ग (Postposition) या विभक्ति चिह्न कहते हैं।
उदाहरण: “राम ने रावण को बाण से मारा।”
- यहां, ‘ने’, ‘को’, और ‘से’ कारक चिह्न हैं जो राम, रावण और बाण का संबंध क्रिया (‘मारा’) से बता रहे हैं।
2. कारक के भेद (Types of Kārak)
हिंदी में कारक के मुख्य रूप से आठ (8) भेद माने जाते हैं। इन्हें विभक्ति चिह्नों के साथ नीचे सारणी में समझाया गया है:
| क्रम (No.) | कारक का नाम (Name of Case) | विभक्ति चिह्न (Postposition / Sign) | पहचान/कार्य (Function) | उदाहरण (Example) |
| 1. | कर्ता कारक (Nominative) | ने (कभी-कभी शून्य) | कार्य करने वाला (Subject) | राम ने खाया। लड़की हँसती है। |
| 2. | कर्म कारक (Accusative) | को (कभी-कभी शून्य) | जिस पर क्रिया का फल पड़े (Object) | माँ बच्चे को बुलाती है। |
| 3. | करण कारक (Instrumental) | से, द्वारा | जिस साधन से क्रिया हो (Instrument) | वह पेन से लिखता है। |
| 4. | संप्रदान कारक (Dative) | के लिए, को | जिसके लिए क्रिया की जाए (Purpose/Recipient) | माँ बच्चों के लिए खाना लाई। |
| 5. | अपादान कारक (Ablative) | से | अलग होने या तुलना का भाव (Separation/Comparison) | पेड़ से पत्ता गिरा। |
| 6. | संबंध कारक (Genitive) | का, की, के, रा, री, रे | एक वस्तु का दूसरी से संबंध (Possession/Relation) | यह राम का घर है। |
| 7. | अधिकरण कारक (Locative) | में, पर | क्रिया का आधार या स्थान (Location/Base) | किताब मेज पर रखी है। |
| 8. | संबोधन कारक (Vocative) | हे!, ओ!, अरे! | किसी को पुकारना या संबोधित करना (Calling out) | हे भगवान! मेरी रक्षा करो। |
3. करण कारक (‘से’) और अपादान कारक (‘से’) में अंतर
‘से’ विभक्ति चिह्न का प्रयोग दो कारकों में होता है, जिन्हें समझना आवश्यक है:
| कारक (Kārak) | अर्थ (Meaning) | उदाहरण (Example) |
| करण कारक | साधन या सहायता (Through or With the help of) | राम चाकू से फल काटता है। (चाकू साधन है) |
| अपादान कारक | अलग होना या दूरी (Separation or Distance) | वह छत से कूद गया। (छत से अलग हुआ) |