रचनात्मक लेखन: अनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन (औपचारिक/अनौपचारिक), विज्ञापन लेखन, संदेश लेखन, अपठित गद्यांश/पद्यांश।

रचनात्मक लेखन

1. अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writing)

अनुच्छेद लेखन किसी एक भाव, विचार या विषय को व्यक्त करने वाला संक्षिप्त (लगभग 80-100 शब्द) और सारगर्भित लेख होता है।

  • उद्देश्य: किसी विषय पर अपने विचारों को कम शब्दों में, क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत करना।
  • परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु:
    • आदि, मध्य और अंत: आपका अनुच्छेद स्पष्ट प्रारंभ (परिचय), सुसंगत मध्य भाग (मुख्य विचार) और प्रभावशाली निष्कर्ष (अंत) के साथ लिखा जाना चाहिए।
    • एकता (Unity): पूरे अनुच्छेद में केवल एक ही विचार की प्रधानता होनी चाहिए। विषय से भटकना नहीं चाहिए।
    • संक्षिप्तता और प्रवाह: अनावश्यक विस्तार से बचें। वाक्य सरल, स्पष्ट और आपस में जुड़े हुए (प्रवाहपूर्ण) होने चाहिए।
    • प्रभावशाली शुरुआत: यदि संभव हो, तो विषय से संबंधित नारे, सूक्तियाँ या कविता की पंक्तियाँ का प्रयोग कर सकते हैं।

2. पत्र लेखन (Letter Writing)

पत्र दो प्रकार के होते हैं: औपचारिक (Formal) और अनौपचारिक (Informal)। दोनों का प्रारूप (Format) जानना आवश्यक है।

. औपचारिक पत्र (Formal Letter)

  • किसे लिखा जाता है: प्रधानाचार्य, सरकारी अधिकारियों (नगर निगम/पुलिस), संपादक, या व्यावसायिक संस्थाओं को।
  • उद्देश्य: शिकायत, आवेदन, प्रार्थना, या जानकारी देने के लिए।
  • मुख्य प्रारूप:
    1. प्रेषक का पता (आपका पता)।
    2. दिनांक।
    3. प्राप्तकर्ता का पद और पता।
    4. विषय (संक्षिप्त और स्पष्ट)।
    5. संबोधन (जैसे: महोदय/महोदया)।
    6. विषय-वस्तु (तीन भागों में: परिचय, समस्या/कारण, अनुरोध)।
    7. धन्यवाद।
    8. समापन (जैसे: आपका आज्ञाकारी/भवदीय)।
    9. नाम/हस्ताक्षर।
  • ध्यान दें: इसमें भाषा शिष्ट, संयमित और विषय केंद्रित होनी चाहिए। व्यक्तिगत भावनाओं का प्रयोग न करें।

. अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

  • किसे लिखा जाता है: माता-पिता, भाई-बहन, मित्रों और संबंधियों को।
  • उद्देश्य: हाल-चाल पूछना, बधाई देना, निमंत्रण देना, या व्यक्तिगत भावनाएँ व्यक्त करना।
  • मुख्य प्रारूप:
    1. प्रेषक का पता (आपका पता)।
    2. दिनांक।
    3. संबोधन (जैसे: प्रिय मित्र, पूज्य पिताजी)।
    4. अभिवादन (जैसे: सप्रेम नमस्ते, चरण स्पर्श)।
    5. विषय-वस्तु (हाल-चाल, मुख्य कारण, शुभकामना)।
    6. समापन (जैसे: तुम्हारा मित्र, आपका प्रिय पुत्र)।
    7. नाम।
  • ध्यान दें: इसमें भाषा सरल और आत्मीयता भरी होती है।

3. विज्ञापन लेखन (Advertisement Writing)

विज्ञापन का उद्देश्य किसी उत्पाद, सेवा या सूचना को लोगों तक आकर्षक तरीके से पहुंचाना है।

  • परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु:
    • बॉक्स का प्रयोग: विज्ञापन को हमेशा एक बॉक्स के अंदर बनाएँ।
    • आकर्षण: यह आँखों को भाने वाला होना चाहिए। चित्रों, रंगों (परीक्षा में पेंसिल/पेन) और डिजाइन का उपयोग करें।
    • शीर्षक: मुख्य विषय/उत्पाद का नाम बड़े अक्षरों में लिखें।
    • स्लोगन/नारे: प्रभावशाली और तुकबंदी वाले नारे या आकर्षक वाक्यांशों का प्रयोग करें (जैसे: सोचो कम, खरीदो दम’)।
    • विशेषताएँ: उत्पाद की मुख्य विशेषताएँ (जैसे: छूट, ऑफर, गुणवत्ता) बुलेट पॉइंट्स में लिखें।
    • संपर्क: अंत में संपर्क सूत्र/पता अवश्य दें (उदाहरण: संपर्क करें: xxx-xxxxx)।

4. संदेश लेखन (Message Writing)

संदेश किसी व्यक्ति विशेष या समूह के लिए संक्षेप में लिखी गई सूचना होती है।

  • उद्देश्य: किसी को शुभकामना देना, शोक व्यक्त करना या कोई अति आवश्यक सूचना देना।
  • मुख्य प्रारूप:
    1. बॉक्स: संदेश को हमेशा एक बॉक्स के अंदर लिखें।
    2. शीर्षक: बॉक्स के बीच में संदेश लिखें।
    3. दिनांक और समय: बाईं ओर लिखें।
    4. संबोधन: (जैसे: प्रिय मोहन, आदरणीय पिताजी)।
    5. विषयवस्तु: मुख्य विषय को 30-40 शब्दों में स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में लिखें।
    6. प्रेषक का नाम: अंत में संदेश लिखने वाले का नाम।
  • ध्यान दें: संदेश में औपचारिकता और संक्षिप्तता दोनों का ध्यान रखें।

5. अपठित गद्यांश/पद्यांश (Unseen Passage/Poem)

अपठित का अर्थ है जो पहले पढ़ा गया हो। इसमें आपकी समझने और विश्लेषण करने की क्षमता का मूल्यांकन होता है।

  • हल करने के चरण:
    1. गद्यांश/पद्यांश को ध्यान से पढ़ें: इसे कम से कम दो बार शांत मन से पढ़ें ताकि उसका भाव और मूल विचार स्पष्ट हो जाए।
    2. प्रश्नों को पढ़ें: प्रश्नों को पढ़कर उन शब्दों/वाक्यों को गद्यांश में रेखांकित करें जहाँ उत्तर छिपा है।
    3. उत्तर लिखें: उत्तर हमेशा गद्यांश पर आधारित होने चाहिए, अपने मन से नहीं।
    4. संक्षिप्त उत्तर: प्रश्नों के उत्तर सीधे और संक्षिप्त होने चाहिए।
    5. शीर्षक (Title): यदि शीर्षक पूछा जाए, तो वह पूरे गद्यांश के मूल भाव को व्यक्त करने वाला और संक्षिप्त होना चाहिए।
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