Fibonacci Retracement: एक गाइड जो आपको प्रॉफिट कमाने में मदद करेगी।

Fibonacci Retracement: एक गाइड जो आपको प्रॉफिट कमाने में मदद करेगी।

अगर आप शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं या ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने फिबोनाची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement) का नाम ज़रूर सुना होगा।

यह एक शक्तिशाली तकनीकी विश्लेषण टूल है जिसका उपयोग ट्रेडर्स संभावित सपोर्ट (support) और रेजिस्टेंस (resistance) लेवल को पहचानने के लिए करते हैं।

यह इंडिकेटर किसी भी ट्रेंड में आने वाले संभावित बदलाव को समझने में मदद करता है।

इस विस्तृत गाइड में, हम Fibonacci Retracement के बारे में सब कुछ जानेंगे—Fibonacci Retracement क्या है, Fibonacci Retracement कैसे काम करता है, और आप Fibonacci Retracement indicator अपनी ट्रेडिंग रणनीति में कैसे शामिल कर सकते हैं।

Fibonacci Retracement क्या है?

फिबोनाची रिट्रेसमेंट एक टूल है जो गणितीय रूप से आधारित है, और इसका उपयोग वित्तीय बाज़ारों में किया जाता है।

यह फिबोनाची अनुक्रम (Fibonacci Sequence) नामक एक संख्या श्रृंखला पर आधारित है। यह अनुक्रम लियोनार्डो फिबोनाची नामक एक गणितज्ञ ने खोजा था।

फिबोनाची अनुक्रम: 0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89…

इस अनुक्रम में, हर अगली संख्या पिछली दो संख्याओं का योग होती है (उदाहरण के लिए, 2+3=5, 5+8=13)। इस अनुक्रम की सबसे खास बात यह है कि जब आप एक संख्या को उसके ठीक बाद वाली संख्या से भाग देते हैं, तो आपको एक खास अनुपात (ratio) मिलता है।

ये अनुपात ही फिबोनाची रिट्रेसमेंट के मूल हैं।

मुख्य फिबोनाची अनुपात:

  • 23.6% (8/34 = 0.235)
  • 38.2% (13/34 = 0.382)
  • 50% (यह फिबोनाची अनुपात नहीं है, लेकिन ट्रेडर इसका उपयोग करते हैं क्योंकि यह एक ट्रेंड के बीच का बिंदु होता है)
  • 61.8% (34/55 = 0.618) – इसे गोल्डन अनुपात (Golden Ratio) भी कहते हैं।
  • 78.6% (यह भी एक महत्वपूर्ण स्तर है)

ट्रेडर इन अनुपातों का उपयोग किसी भी कीमत के उतार-चढ़ाव (trend) के दौरान संभावित पुलबैक (pullback) या करेक्शन (correction) स्तरों को पहचानने के लिए करते हैं।


Fibonacci Retracement कैसे काम करता है?

जब कोई स्टॉक ऊपर या नीचे जाता है, तो वह कभी भी एक सीधी रेखा में नहीं जाता। वह अक्सर ट्रेंड की दिशा में बढ़ता है और फिर एक छोटा सा “पुलबैक” या “रिट्रेसमेंट” लेता है, यानी अपनी दिशा में थोड़ा पीछे हटता है, और फिर से ट्रेंड की दिशा में बढ़ना शुरू करता है।

फिबोनाची रिट्रेसमेंट यही संभावित रिट्रेसमेंट स्तरों को पहचानता है।

यह टूल दो महत्वपूर्ण प्राइस पॉइंट के बीच खींचा जाता है:

  • अपट्रेंड (Uptrend) के लिए: सबसे निचले बिंदु (swing low) से सबसे ऊँचे बिंदु (swing high) तक।
  • डाउनट्रेंड (Downtrend) के लिए: सबसे ऊँचे बिंदु (swing high) से सबसे निचले बिंदु (swing low) तक।

एक बार जब आप इन दो बिंदुओं के बीच फिबोनाची टूल खींचते हैं, तो यह चार्ट पर 23.6%, 38.2%, 50%, 61.8%, और 78.6% के स्तरों को दिखाएगा।

ये स्तर संभावित सपोर्ट (अपट्रेंड में) या रेजिस्टेंस (डाउनट्रेंड में) के रूप में काम करते हैं।

उदाहरण:

मान लीजिए, किसी स्टॉक की कीमत ₹100 से बढ़कर ₹150 हो गई।

अब, आप फिबोनाची टूल को ₹100 (स्विंग लो) से ₹150 (स्विंग हाई) तक खींचते हैं।

अगर यह स्टॉक ₹150 से गिरना शुरू करता है, तो ट्रेडर उम्मीद करेंगे कि यह ₹140 (23.6%), ₹135 (38.2%) या ₹130 (50%) के स्तरों पर सपोर्ट ले सकता है और फिर से ऊपर की ओर बढ़ सकता है।


फिबोनाची रिट्रेसमेंट का उपयोग कैसे करें?

1. ट्रेंड की पहचान करें

फिबोनाची रिट्रेसमेंट का उपयोग करने के लिए सबसे पहले एक स्पष्ट और पहचानने योग्य ट्रेंड होना ज़रूरी है। यह या तो एक अपट्रेंड हो सकता है या डाउनट्रेंड।

2. टूल को सही तरीके से लगाएँ

  • अपट्रेंड में: टूल को निचले बिंदु (swing low) पर क्लिक करें और इसे ऊँचे बिंदु (swing high) तक खींचें।
  • डाउनट्रेंड में: टूल को ऊँचे बिंदु (swing high) पर क्लिक करें और इसे निचले बिंदु (swing low) तक खींचें।

3. एंट्री और एग्जिट पॉइंट पहचानें

  • खरीदने का मौका (Buying Opportunity): जब स्टॉक एक अपट्रेंड में हो, तो ट्रेडर उम्मीद करते हैं कि कीमत गिरकर 38.2%, 50% या 61.8% के स्तर पर वापस आ सकती है। इन स्तरों पर, वे स्टॉक को खरीदने पर विचार करते हैं, क्योंकि यह माना जाता है कि यहाँ से फिर से ऊपर जाएगा।
  • बेचने का मौका (Selling Opportunity): जब स्टॉक एक डाउनट्रेंड में हो, तो ट्रेडर उम्मीद करते हैं कि कीमत बढ़कर 38.2%, 50% या 61.8% के स्तर पर वापस आ सकती है। इन स्तरों पर, वे स्टॉक को बेचने (short-sell) पर विचार करते हैं।

फिबोनाची रिट्रेसमेंट की सीमाएँ और कुछ महत्वपूर्ण बातें

कोई भी इंडिकेटर 100% सटीक नहीं होता, और फिबोनाची रिट्रेसमेंट भी इसका अपवाद नहीं है।

  • यह कोई गारंटी नहीं है: यह सिर्फ संभावित स्तरों को दर्शाता है, न कि निश्चित रूप से होने वाले बदलावों को।
  • अन्य इंडिकेटर के साथ उपयोग करें: फिबोनाची रिट्रेसमेंट को हमेशा अन्य तकनीकी संकेतकों, जैसे RSI (Relative Strength Index), MACD, या मूविंग एवरेज के साथ मिलाकर उपयोग करना चाहिए। अगर फिबोनाची स्तर किसी अन्य सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल से मेल खाता है, तो वह एक मजबूत ट्रेडिंग सिग्नल हो सकता है।
  • टाइमफ्रेम का महत्व: आप जिस टाइमफ्रेम (जैसे 1-घंटे का चार्ट, 1-दिन का चार्ट) पर काम कर रहे हैं, उसी के अनुसार फिबोनाची स्तर खींचें। छोटे टाइमफ्रेम पर यह ज़्यादा वोलैटाइल हो सकता है।

निष्कर्ष

Fibonacci Retracement एक बेहद उपयोगी और लोकप्रिय टूल है जो ट्रेडर्स को बाज़ार की गति और संभावित बदलावों को समझने में मदद करता है। यह टूल आपको यह नहीं बताता कि बाज़ार में क्या होगा, बल्कि यह संभावित सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को पहचानकर आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।

याद रखें, किसी भी टूल को केवल अकेले इस्तेमाल न करें। अपनी ट्रेडिंग रणनीति में इसे अन्य विश्लेषणों के साथ मिलाकर ही उपयोग करें ताकि आप अपने जोखिम को कम कर सकें और लाभ कमाने की संभावना को बढ़ा सकें।

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