आज हम जिस आधुनिक डिजिटल दुनिया में जी रहे हैं, उसकी नींव एक ऐसे व्यक्ति ने रखी थी जिसकी सोच अपने समय से कहीं आगे थी। उस महान व्यक्ति का नाम है चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage), जिन्हें ‘कंप्यूटर का जनक’ (Father of Computer) कहा जाता है।

26 दिसंबर 1791 को लंदन में जन्मे Charles बैबेज एक प्रतिभाशाली गणितज्ञ, आविष्कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे, जिनके अविष्कारों ने कंप्यूटिंग के क्षेत्र में क्रांति ला दी।
बैबेज का सबसे महत्वपूर्ण योगदान उनकी दो मशीनों का कॉन्सेप्ट था: डिफरेंस इंजन (Difference Engine) और एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine)।
Charles Babbage द्वारा डिफरेंस इंजन: गणनाओं को स्वचालित करने का पहला कदम
19वीं सदी की शुरुआत में, बड़ी और जटिल गणितीय गणनाएं मैन्युअल रूप से की जाती थीं, जिनमें अक्सर गलतियाँ होती थीं। इन गलतियों को दूर करने के लिए, Charles Babbage ने 1820 के दशक में डिफरेंस इंजन का विचार प्रस्तुत किया।
यह एक यांत्रिक कैलकुलेटर था जिसे बहुपद कार्यों (polynomial functions) की तालिकाओं (tables) को स्वचालित रूप से गणना करने और प्रिंट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
हालाँकि, वे इसके एक पूर्ण कार्यशील मॉडल को कभी पूरा नहीं कर पाए, फिर भी इसका डिज़ाइन अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी।
Charles Babbage द्वारा एनालिटिकल इंजन: आधुनिक कंप्यूटर की अवधारणा
चार्ल्स बैबेज का सबसे क्रांतिकारी आविष्कार एनालिटिकल इंजन की अवधारणा थी, जिसे उन्होंने 1830 के दशक में विकसित किया। यह मशीन आज के आधुनिक कंप्यूटरों के कई मूलभूत तत्वों को समाहित करती थी:
- एक ‘मिल‘ (Mill): यह सीपीयू (CPU) की तरह गणनाओं को अंजाम देता था।
- एक ‘स्टोर‘ (Store): यह मेमोरी की तरह डेटा और निर्देशों को संग्रहीत करता था।
- इनपुट/आउटपुट डिवाइस: पंच कार्ड्स का उपयोग इनपुट और आउटपुट दोनों के लिए किया जाता था, जिसकी प्रेरणा उन्होंने जोसेफ मैरी जैक्वार्ड की लूम से ली थी।
- कंट्रोल यूनिट: यह ऑपरेशन के क्रम को नियंत्रित करता था।
यह पहला सामान्य-उद्देश्य वाला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर का डिज़ाइन था। यानी, इसे अलग-अलग कार्य करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता था, न कि केवल एक निश्चित कार्य।
Charles Babbageकी विरासत
हालाँकि बैबेज अपने जीवनकाल में एनालिटिकल इंजन का एक पूर्ण कार्यशील मॉडल नहीं बना पाए, मुख्य रूप से धन की कमी और तत्कालीन इंजीनियरिंग क्षमताओं की सीमाओं के कारण, उनकी अवधारणाएं अद्भुत रूप से सटीक और दूरदर्शी थीं।
उनकी सहकर्मी, एना लवलेस (Ada Lovelace), ने एनालिटिकल इंजन के लिए दुनिया का पहला एल्गोरिथम लिखा, जिससे उन्हें पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर होने का गौरव प्राप्त हुआ।
आज, जब हम लैपटॉप, स्मार्टफोन और सुपरकंप्यूटर का उपयोग करते हैं, तो हमें चार्ल्स बैबेज के योगदान को नहीं भूलना चाहिए।
उनकी कल्पना और अथक प्रयासों ने एक ऐसे क्षेत्र की नींव रखी जिसने मानव सभ्यता को बदल दिया। उन्हें सही मायनों में कंप्यूटर विज्ञान के अग्रदूत और आधुनिक कंप्यूटिंग के पिता के रूप में जाना जाता है।