
1. वाच्य की परिभाषा (Definition of Vachya)
वाच्य का शाब्दिक अर्थ है “बोलने का विषय”।
परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाता है कि वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्ता (Subject), कर्म (Object), या भाव (Emotion/State) में से किसके साथ है, उसे वाच्य कहते हैं।
- यह निर्धारित करता है कि क्रिया के लिंग और वचन किसके अनुसार बदलेंगे।
2. वाच्य के भेद (Types of Vachya)
वाच्य के मुख्य रूप से तीन (Three) भेद होते हैं:
- कर्तृवाच्य (Active Voice)
- कर्मवाच्य (Passive Voice)
- भाववाच्य (Impersonal Voice)
3. वाच्य के भेदों का विस्तृत विवरण
1. कर्तृवाच्य (Kartri Vachya / Active Voice)
- परिभाषा: क्रिया का वह रूप, जिसमें कर्ता (Subject) प्रधान होता है। क्रिया का लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होता है।
- पहचान:
- क्रिया सकर्मक या अकर्मक दोनों हो सकती है।
- कर्ता के साथ अक्सर कोई कारक चिह्न नहीं होता, या कभी-कभी ‘ने’ कारक चिह्न का प्रयोग होता है।
- उदाहरण:
- <u>राम</u> किताब पढ़ता है। (कर्ता-राम के अनुसार क्रिया-पढ़ता है)
- <u>लड़कियाँ</u> गीत गाती हैं। (कर्ता-लड़कियाँ के अनुसार क्रिया-गाती हैं)
- <u>वे</u> प्रतिदिन टहलते हैं। (अकर्मक क्रिया)
2. कर्मवाच्य (Karma Vachya / Passive Voice)
- परिभाषा: क्रिया का वह रूप, जिसमें कर्म (Object) प्रधान होता है। क्रिया का लिंग और वचन कर्म के अनुसार होता है।
- पहचान:
- क्रिया हमेशा सकर्मक होती है।
- कर्ता के साथ प्रायः ‘के द्वारा’, ‘से’ (यानी किसी माध्यम से) कारक चिह्न का प्रयोग होता है।
- क्रिया के साथ अक्सर ‘जाना’ क्रिया का उचित रूप (जाता है, गया, जाएगी आदि) जुड़ा होता है।
- उदाहरण:
- राम के द्वारा $\underline{\text{किताब}}$ पढ़ी जाती है। (कर्म-किताब (स्त्रीलिंग) के अनुसार क्रिया-जाती है)
- शिकारी से $\underline{\text{शिकार}}$ नहीं किया गया। (कर्म-शिकार (पुल्लिंग) के अनुसार क्रिया-गया)
- पत्र लिखा गया। (कर्ता अनुपस्थित होने पर भी क्रिया कर्म के अनुसार है)
3. भाववाच्य (Bhava Vachya / Impersonal Voice)
- परिभाषा: क्रिया का वह रूप, जिसमें कर्ता या कर्म की नहीं, बल्कि क्रिया के भाव (भावार्थ) की प्रधानता होती है।
- पहचान:
- क्रिया प्रायः अकर्मक होती है।
- क्रिया सदैव पुल्लिंग, एकवचन और अन्य पुरुष में रहती है, भले ही कर्ता या कर्म कुछ भी हो।
- कर्ता के साथ प्रायः ‘से’ कारक चिह्न का प्रयोग होता है।
- यह अक्सर असमर्थता (नकारात्मकता) दिखाने के लिए प्रयोग होता है।
- उदाहरण:
- मुझ से $\underline{\text{चला नहीं}}$ जाता। (भाव-चला जाने की असमर्थता)
- बीमार से $\underline{\text{उठा नहीं}}$ जाता। (भाव-उठने की असमर्थता)
- आओ, $\underline{\text{दौड़ा जाए।}}$ (भाव-दौड़ने का भाव)
तुलनात्मक तालिका (Comparative Table)
| वाच्य भेद | प्रधानता | क्रिया का लिंग/वचन | क्रिया का स्वरूप | उदाहरण |
| कर्तृवाच्य | कर्ता | कर्ता के अनुसार | सकर्मक/अकर्मक | राम ने खाना खाया। |
| कर्मवाच्य | कर्म | कर्म के अनुसार | केवल सकर्मक | राम द्वारा खाना खाया गया। |
| भाववाच्य | भाव | सदैव पुल्लिंग, एकवचन | केवल अकर्मक | मुझसे अब चला नहीं जाता। |
वाच्य अभ्यास प्रश्न (Vachya Practice Questions)
भाग 1: वाच्य की पहचान (Identify the Voice)
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए और पहचानिए कि वे कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, या भाववाच्य में से कौन सा हैं:
| क्रम | वाक्य (Sentence) | वाच्य का भेद (Type of Vachya) |
| 1. | माली द्वारा पौधों को पानी दिया गया। | |
| 2. | राधा रोज़ सुबह टहलती है। | |
| 3. | पक्षियों से आकाश में उड़ा नहीं जाता। | |
| 4. | सरकार ने किसानों को मुआवज़ा दिया। | |
| 5. | आओ, अब कुछ पढ़ा जाए। | |
| 6. | मेरे पिताजी अखबार पढ़ते हैं। | |
| 7. | कवि द्वारा कविता लिखी गई। | |
| 8. | गर्मी के कारण मुझसे सोया नहीं जाता। |
भाग 2: वाच्य परिवर्तन (Voice Transformation)
दिए गए वाक्यों को कोष्ठक में बताए गए वाच्य में बदलिए:
| क्रम | मूल वाच्य | परिवर्तन (Transform into) | नया वाच्य |
| 9. | राम ने पत्र लिखा। | कर्मवाच्य | |
| 10. | मरीज उठ नहीं सका। | भाववाच्य | |
| 11. | अध्यापक द्वारा पाठ पढ़ाया गया। | कर्तृवाच्य | |
| 12. | मैं यह बोझ उठा नहीं सकूँगा। | कर्मवाच्य | |
| 13. | बूढ़ा व्यक्ति चल नहीं सकता। | भाववाच्य |
वाच्य परिवर्तन के नियम (Rules for Voice Transformation)
वाच्य परिवर्तन के नियम तीन मुख्य स्थितियों में लागू होते हैं:
I. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन के नियम (Active to Passive Voice)
यह परिवर्तन केवल सकर्मक क्रिया वाले वाक्यों पर लागू होता है, क्योंकि कर्मवाच्य के लिए कर्म (Object) का होना अनिवार्य है।
| क्रम | व्याकरणिक तत्व (Grammatical Element) | नियम (Rule) | उदाहरण |
| 1. | कर्ता (Subject) | कर्ता के साथ लगा कारक चिह्न ($\text{ने}$) हटा दिया जाता है, और कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ जोड़ा जाता है। | कर्तृवाच्य: राम $\text{ने}$ पत्र लिखा। कर्मवाच्य: राम के द्वारा पत्र लिखा गया। |
| 2. | क्रिया (Verb) | मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदल दिया जाता है। | $\text{लिखा}$ (सामान्य भूतकाल) |
| 3. | सहायक क्रिया (Auxiliary Verb) | मुख्य क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का उचित रूप (जाता है, गया, जाएगी, आदि) जोड़ा जाता है। यह रूप कर्म के $\text{लिंग, वचन}$ और वाक्य के $\text{काल}$ के अनुसार बदलता है। | कर्तृवाच्य: वह $\text{आम}$ $\text{खाता है}$ (पुल्लिंग, एकवचन)। कर्मवाच्य: उसके द्वारा $\text{आम}$ $\text{खाया जाता है}$ (पुल्लिंग, एकवचन)। |
| 4. | लिंग और वचन | क्रिया के $\text{लिंग और वचन}$ अब कर्ता के अनुसार नहीं, बल्कि कर्म के अनुसार निर्धारित होते हैं। | कर्तृवाच्य: लड़कियाँ $\text{गीत}$ $\text{गाती हैं}$ (लड़कियाँ-स्त्रीलिंग)। कर्मवाच्य: लड़कियों द्वारा $\text{गीत}$ $\text{गाया जाता है}$ (गीत-पुल्लिंग)। |
II. कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन के नियम (Active to Impersonal Voice)
यह परिवर्तन प्रायः अकर्मक क्रिया वाले वाक्यों पर लागू होता है, और यह अक्सर असमर्थता (Negation) दिखाने के लिए प्रयोग होता है।
| क्रम | व्याकरणिक तत्व (Grammatical Element) | नियम (Rule) | उदाहरण |
| 1. | कर्ता (Subject) | कर्ता के साथ ‘से’ कारक चिह्न जोड़ा जाता है। | कर्तृवाच्य: वह $\text{नहीं चल पाता।}$ भाववाच्य: $\text{उससे}$ $\text{नहीं चला जाता।}$ |
| 2. | क्रिया (Verb) | मुख्य क्रिया को $\text{अकर्मक}$ और $\text{भाव}$ के अनुसार $\text{जाना}$ क्रिया के साथ जोड़ा जाता है। | $\text{चला}$ $\text{जाता}$ |
| 3. | लिंग, वचन, पुरुष | क्रिया सदैव पुल्लिंग, एकवचन और अन्य पुरुष में ही रहती है। | कर्तृवाच्य: लड़कियाँ $\text{दौड़ती हैं।}$ भाववाच्य: लड़कियों $\text{से दौड़ा जाता है।}$ (दौड़ा-पुल्लिंग) |
| 4. | नकारात्मकता | अधिकांशतः $\text{भाववाच्य}$ का प्रयोग असमर्थता ($\text{नहीं}$) दिखाने के लिए किया जाता है। | मुझसे $\text{हँसा नहीं जाता।}$ |
III. कर्मवाच्य/भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन
इन वाच्यों को वापस कर्तृवाच्य में बदलना, उपर्युक्त नियमों का उल्टा (Reverse) होता है।
- कारक हटाना: $\text{कर्ता}$ के साथ लगा $\text{‘से’}$ या $\text{‘के द्वारा’}$ हटा दिया जाता है।
- क्रिया सुधारना: $\text{‘जाना’}$ क्रिया का रूप हटा दिया जाता है।
- लिंग/वचन: क्रिया का $\text{लिंग और वचन}$ वापस $\text{कर्ता}$ के अनुसार कर दिया जाता है।
| प्रकार | मूल वाच्य | परिवर्तन |
| कर्म $\rightarrow$ कर्तृ | अध्यापक द्वारा $ पत्र लिखा गया $ | $ अध्यापक ने पत्र लिखा $ |
| भाव $\rightarrow$ कर्तृ | बूढ़े आदमी से $ चला नहीं जाता $ | $ बूढ़ा आदमी चल नहीं सकता $ |
वाच्य परिवर्तन के अपवाद और विशेष नियम
- कर्मवाच्य में कर्ता की अनुपस्थिति: कभी-कभी कर्मवाच्य में कर्ता को स्पष्ट नहीं किया जाता है (जैसे: $\text{पत्र भेजा गया}$), फिर भी वह कर्मवाच्य होता है।
- कर्तृवाच्य में $\text{ने}$ का प्रयोग: कर्ता कारक चिह्न $ने$ का प्रयोग केवल $भूतकाल$ की सकर्मक क्रियाओं के साथ होता है (जैसे: राम $ने$ खाना खाया), अन्य कालों या अकर्मक क्रियाओं के साथ नहीं।
वाच्य परिवर्तन अभ्यास प्रश्न (Vachya Transformation Practice)
भाग 1: कर्तृवाच्य से अन्य वाच्यों में परिवर्तन
निम्नलिखित कर्तृवाच्य वाक्यों को निर्देशानुसार बदलें:
| क्रम | मूल वाक्य (कर्तृवाच्य) | निर्देश (Change to) | परिवर्तित वाक्य (Transformed Sentence) |
| 1. | हम आज फिल्म देखेंगे। | कर्मवाच्य | |
| 2. | राधा पुस्तक नहीं पढ़ती है। | कर्मवाच्य | |
| 3. | पक्षी आकाश में उड़ते हैं। | कर्मवाच्य | |
| 4. | मैं गर्मी में सो नहीं सकता। | कर्मवाच्य | |
| 5. | बच्चों ने मिठाइयाँ खाईं। | कर्मवाच्य |
भाग 2: कर्मवाच्य/भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार कर्तृवाच्य में बदलें:
| क्रम | मूल वाक्य | निर्देश (Change to) | परिवर्तित वाक्य (Transformed Sentence) |
| 6. | मेरे द्वारा अब खेला नहीं जाता। | कर्तृवाच्य | |
| 7. | माली द्वारा पौधे लगाए गए। | कर्तृवाच्य | |
| 8. | उससे अब दौड़ा नहीं जाएगा। | कर्तृवाच्य | |
| 9. | नेताजी द्वारा भाषण दिया गया। | कर्तृवाच्य | |
| 10. | मरीज से उठा नहीं जाता। | कर्तृवाच्य |