Hindi Grammar Free Course

नमस्ते और स्वागत है! क्या आप भी हिंदी को शुद्ध और प्रभावशाली बनाना चाहते हैं?

हिंदी भाषा सिर्फ हमारी राष्ट्रभाषा या मातृभाषा नहीं, बल्कि हमारे विचारों और भावों को व्यक्त करने का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। लेकिन अक्सर हम व्याकरण के नियमों की जटिलता के कारण अटक जाते हैं। एक गलत शब्द या क्रिया का गलत प्रयोग आपके पूरे अर्थ को बदल सकता है।

इसी चुनौती को समाप्त करने के लिए, हम आपके लिए लाए हैं संपूर्ण हिंदी व्याकरण का निःशुल्क कोर्स’। यह कोर्स आपको व्याकरण के डर से मुक्त करेगा और भाषा पर आपकी पकड़ को मजबूत बनाएगा, चाहे आप स्कूल के छात्र हों, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, या सिर्फ अपनी हिंदी को सुधारना चाहते हों।


🎯 कोर्स का लक्ष्य: क्यों है यह व्याकरण जरूरी?

व्याकरण वह शास्त्र है जो हमें किसी भी भाषा को शुद्ध रूप से पढ़ने, लिखने और बोलने का ज्ञान देता है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य व्याकरण के हर जटिल नियम को सरल और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाना है, ताकि आप:

  • परीक्षा में पूरे अंक प्राप्त कर सकें (खासकर पद-परिचय, वाच्य और समास में)।
  • आत्मविश्वास के साथ संवाद कर सकें (बोलते समय अशुद्धियों से बचें)।
  • रचनात्मक लेखन (अनुच्छेद, पत्र) को त्रुटिहीन और प्रभावशाली बना सकें।

🔍 आपके कोर्स में शामिल संपूर्ण विषय (The Core Modules)

हमने हिंदी व्याकरण के पूरे क्षेत्र को चार मुख्य स्तंभों (Pillars) में बाँटा है, ताकि आपकी पढ़ाई एक तार्किक क्रम में आगे बढ़ सके:

1. 📖 आधारशिला: वर्ण विचार एवं संधि

यह व्याकरण की नींव है। हम सबसे छोटी इकाई—ध्वनि—से शुरू करेंगे।

  • विषय: वर्णमाला (स्वर, व्यंजन), उच्चारण स्थान, और वर्तनी की शुद्धता।
  • मुख्य फोकस: संधि के तीनों भेद (स्वर, व्यंजन, विसर्ग) और उन्हें पहचानने के सरलतम नियम।

2. 🛠️ निर्माण और रूप: शब्द विचार

यहाँ हम सीखेंगे कि शब्द कैसे बनते हैं और वाक्य में आने पर उनका रूप कैसे बदलता है।

  • विषय:
    • विकारी शब्द: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया (उनके प्रकार, लिंग, वचन, कारक)।
    • शब्द निर्माण: उपसर्ग, प्रत्यय और सबसे महत्वपूर्ण समास के छहों भेद, उनकी पहचान के शॉर्टकट के साथ।
    • शब्दावली: पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे और लोकोक्तियाँ।

3. 🧩 वाक्यों का संसार: पद एवं वाक्य विचार

यह भाग व्याकरण के व्यावहारिक प्रयोग पर केंद्रित है, जहाँ सबसे अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं।

  • विषय:
    • पदपरिचय: वाक्य के हर शब्द को तोड़कर उसका व्याकरणिक परिचय देना।
    • वाच्य परिवर्तन: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, और भाववाच्य को बदलना और पहचानना।
    • वाक्य भेद: रचना (सरल, संयुक्त, मिश्र) और अर्थ के आधार पर वाक्यों का रूपांतरण।

4. भाषा का सौंदर्य: अलंकार, रस और लेखन कौशल

भाषा को प्रभावशाली और आकर्षक बनाने के लिए ये विषय आवश्यक हैं।

  • विषय:
    • रस: (हास्य, करुण आदि) और उनके स्थायी भाव।
    • अलंकार: उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, मानवीकरण (इनकी पहचान के नियम)।
    • रचनात्मक लेखन: परीक्षा केंद्रित अनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन और विज्ञापन लेखन के फॉर्मेट।

यह कोर्स केवल नियमों की रटंत विद्या नहीं है, बल्कि हिंदी भाषा को तार्किक रूप से समझने का एक माध्यम है।

तो, आइएअपनी हिंदी को एक नई ऊँचाई दें और इस निःशुल्क ज्ञान यात्रा को आज ही शुरू करें!

हिंदी व्याकरण कोर्स का विस्तृत पाठ्यक्रम (Detailed Syllabus)

1. 📖 आधारशिला: वर्ण विचार एवं संधि (Phonetics & Junction)

उपसमूह (Sub-Group)विषय (Topics)
1.1 भाषा का परिचयभाषा की परिभाषा, प्रकार (मौखिक, लिखित), लिपि (देवनागरी), व्याकरण की परिभाषा।
1.2 वर्णविचारवर्णमाला (स्वर और व्यंजन का विस्तृत वर्गीकरण), अयोगवाह (अं, अ:), आगत ध्वनियाँ।
1.3 उच्चारण और वर्तनीवर्णों के उच्चारण स्थान (कंठ्य, तालव्य आदि), अल्पप्राण/महाप्राण, घोष/अघोष। शुद्ध वर्तनी (Spelling) के नियम।
1.4 संधिसंधि की परिभाषा और प्रकार (स्वर, व्यंजन, विसर्ग)। प्रत्येक संधि के नियम और अपवाद।

2. 🛠️ निर्माण और रूप: शब्द विचार (Morphology)

उपसमूह (Sub-Group)विषय (Topics)
2.1 शब्दभेद (वर्गीकरण)उत्पत्ति के आधार पर: तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज, संकर शब्द। रचना के आधार पर: रूढ़, यौगिक, योगरूढ़।
2.2 विकारी शब्द (Parts of Speech)संज्ञा (भेद), सर्वनाम (भेद), विशेषण (भेद और अवस्थाएँ), क्रिया (कर्म के आधार पर: अकर्मक, सकर्मक; रचना के आधार पर)।
2.3 विकारक तत्त्वलिंग (पहचान और परिवर्तन), वचन (पहचान और परिवर्तन), काल (भूत, वर्तमान, भविष्य), कारक (विभक्ति चिह्न)।
2.4 अविकारी शब्दक्रियाविशेषण (भेद), संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक और निपात
2.5 शब्द निर्माणउपसर्ग और प्रत्यय (संस्कृत, हिंदी, विदेशी)।
2.6 समाससमास की परिभाषा, भेद (अव्ययीभाव, तत्पुरुष, कर्मधारय, द्विगु, द्वंद्व, बहुव्रीहि)। समास विग्रह।

3. 🧩 वाक्यों का संसार: पद एवं वाक्य विचार (Syntax)

उपसमूह (Sub-Group)विषय (Topics)
3.1 पदपरिचयवाक्य में हर शब्द (पद) का विस्तृत व्याकरणिक परिचय।
3.2 वाक्य के अंगउद्देश्य (Subject) और विधेय (Predicate)।
3.3 वाक्य भेदरचना के आधार पर: सरल, संयुक्त, मिश्र वाक्य। अर्थ के आधार पर: विधानवाचक, निषेधवाचक, प्रश्नवाचक, आज्ञावाचक आदि।
3.4 वाच्यवाच्य की परिभाषा, भेद (कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य)। वाच्य परिवर्तन के नियम।
3.5 वाक्य शुद्धिवर्तनी, व्याकरण, पदक्रम और पुनरावृत्ति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ और उनका निवारण।
3.6 विराम चिह्नप्रमुख विराम चिह्नों (Full Stop, Comma, Exclamation, etc.) का सही प्रयोग।

4. भाषा का सौंदर्य: अलंकार, रस और रचनात्मक लेखन

उपसमूह (Sub-Group)विषय (Topics)
4.1 शब्दावली एवं अभिव्यक्तिपर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, अनेकार्थी शब्द, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द।
4.2 मुहावरे एवं लोकोक्तियाँमुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ और वाक्य प्रयोग।
4.3 रसरस की परिभाषा, अंग (विभाव, अनुभाव, संचारी भाव), स्थायी भाव, और नौ रस (नवरस)।
4.4 अलंकारशब्दालंकार (अनुप्रास, यमक, श्लेष) और अर्थालंकार (उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, मानवीकरण, अतिशयोक्ति)।
4.5 रचनात्मक लेखनअनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन (औपचारिक/अनौपचारिक), विज्ञापन लेखन, संदेश लेखन, अपठित गद्यांश/पद्यांश

यह विस्तृत पाठ्यक्रम आपको अपने कोर्स को टियरआधारित (Tier-Based) या सिम्फोनिक मॉडल में व्यवस्थित करने के लिए सभी आवश्यक सामग्री प्रदान करता है।

Scroll to Top