मध्य प्रदेश: कला, संस्कृति और प्रमुख त्यौहार (परीक्षा केंद्रित नोट्स) 🎭🎨🎉
मध्य प्रदेश, अपनी विविध जनजातीय आबादी और ऐतिहासिक विरासत के कारण, कला, संस्कृति और त्योहारों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। यहाँ का सांस्कृतिक ताना-बाना विभिन्न क्षेत्रों (मालवा, निमाड़, बुंदेलखंड, बघेलखंड) के प्रभाव को दर्शाता है।

1. लोक कलाएँ और चित्रकला (Folk Arts and Paintings)
MP की लोक कलाएँ जनजातीय जीवनशैली और ग्रामीण परंपराओं को दर्शाती हैं, जो इसकी सांस्कृतिक पहचान का मूल हैं।
- जनजातीय चित्रकलाएँ:
- भीली चित्रकला: यह भील जनजाति की सबसे प्रसिद्ध कला है। इसे पिथोरा (Pithora) चित्रकला कहा जाता है, जिसमें देवी-देवताओं, घोड़े और दैनिक जीवन के दृश्य चित्रित किए जाते हैं। पेमा फातल्या और भूरी बाई इसके प्रमुख कलाकार हैं।
- गोंडी चित्रकला: गोंड जनजाति की इस कला में प्राकृतिक विषय, जानवर और पौराणिक कथाएँ चित्रित की जाती हैं। जंगढ़ सिंह श्याम इसके सबसे प्रसिद्ध कलाकार रहे हैं, जिन्होंने इस कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
- क्षेत्रीय भित्ति चित्र (Wall Paintings):
- मांडना (Mandana): यह मालवा और निमाड़ क्षेत्र में महिलाओं द्वारा दरवाजों और फर्श पर शुभ अवसरों पर बनाई जाती है।
- चौक पूरना: यह उत्तर भारत की रंगोली के समान है, जो बुंदेलखंड और बघेलखंड में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान बनाया जाता है।
- हस्तशिल्प: चंदेरी (अशोकनगर) और माहेश्वरी (खरगोन) की साड़ियाँ विश्व प्रसिद्ध हैं। टीकमगढ़ और बैतूल का धातु शिल्प (Metal Craft) भी बहुत लोकप्रिय है।
2. लोक नृत्य और नाट्य (Folk Dances and Drama)
MP में हर क्षेत्र के अपने विशिष्ट नृत्य और नाट्य रूप हैं, जो उत्सवों और अनुष्ठानों का अभिन्न अंग हैं।
लोक नृत्य (Folk Dances)
| नृत्य (Dance) | क्षेत्र | मुख्य विशेषताएँ |
| राई (Rai) | बुंदेलखंड | यह MP का राज्य नृत्य (State Dance) है। यह मुख्य रूप से खुशी के अवसरों पर किया जाता है। इसमें ‘बेड़नी’ नामक महिला नर्तकी की केंद्रीय भूमिका होती है। |
| गणगौर | निमाड़ | यह गणगौर पर्व के दौरान किया जाता है, जिसमें शिव-पार्वती की पूजा होती है। यह भक्ति और उत्सव का नृत्य है। |
| मटकी (Matki) | मालवा | यह विवाह या किसी अन्य उत्सव के अवसर पर महिलाओं द्वारा सिर पर घड़ा रखकर किया जाने वाला एकल नृत्य है। |
| कर्मा | गोंड और बैगा जनजाति | यह भारत के सबसे पुराने लोक नृत्यों में से एक है और इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। |
| अहिराई/सैला | बघेलखंड | यह विशेष रूप से अहीर समुदाय द्वारा किया जाने वाला ऊर्जावान नृत्य है। |
लोक नाट्य (Folk Drama)
- माच (Maach): यह मालवा क्षेत्र का प्रमुख नाट्य रूप है। यह एक रंगमंच (Stage) पर किया जाता है, जिसमें गीत और संवादों का मिश्रण होता है।
- स्वांग (Swang): यह बुंदेलखंड का पारंपरिक नाट्य रूप है, जो खुले मंच पर सामाजिक और पौराणिक कहानियों का प्रदर्शन करता है।
3. प्रमुख त्यौहार और मेले (Major Festivals and Fairs)
MP अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण वर्षभर विभिन्न मेलों और त्योहारों का केंद्र बना रहता है।
प्रमुख त्यौहार (Major Festivals)
- खजुराहो नृत्य महोत्सव: (छतरपुर) प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह महोत्सव शास्त्रीय नृत्यों (कथक, भरतनाट्यम) के लिए प्रसिद्ध है और कला संस्कृति को बढ़ावा देता है।
- लोक रंग महोत्सव: (भोपाल) यह गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होता है, जिसमें विभिन्न लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
- भगोरिया (Bhagoria): यह भील जनजाति का प्रमुख उत्सव है, जो होली के अवसर पर निमाड़ क्षेत्र (झाबुआ, अलीराजपुर) में आयोजित होता है। इसे प्रेम और मिलन का त्योहार माना जाता है।
प्रमुख मेले (Major Fairs)
| मेला (Fair) | स्थान | आयोजन का आधार/महत्व |
| सिंहस्थ कुंभ मेला | उज्जैन | क्षिप्रा नदी के तट पर हर 12 वर्ष में आयोजित होता है। यह MP का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागम है। |
| हीरा भूमिया का मेला | ग्वालियर, गुना | लोक देवता हीरामन बाबा की याद में आयोजित। |
| पीर बुधान का मेला | शिवपुरी | 250 वर्षों से अधिक पुराना, सूफी संत पीर बुधान की दरगाह पर आयोजित। |
| तेजाजी का मेला | गुना | तेजाजी महाराज की पूजा के उपलक्ष्य में, जो साँप काटने का इलाज करने के लिए प्रसिद्ध थे। |
4. संगीत और साहित्य परंपरा (Music and Literary Tradition)
MP संगीत और साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है।
- संगीत घराने: ग्वालियर घराना भारत के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण शास्त्रीय संगीत घरानों में से एक है।
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व:
- तानसेन: अकबर के नवरत्नों में से एक, जिनका जन्म ग्वालियर में हुआ था। तानसेन समारोह प्रतिवर्ष ग्वालियर में आयोजित होता है।
- उस्ताद अलाउद्दीन खान: मैहर (सतना) को अपनी कर्मभूमि बनाया और मैहर बैंड की स्थापना की।
- साहित्यकार:
- भवभूति (संस्कृत नाटककार), कालिदास (अभिज्ञान शाकुंतलम्)।
- आधुनिक हिंदी साहित्य: सुभद्रा कुमारी चौहान, माखनलाल चतुर्वेदी, हरिशंकर परसाई, और शरद जोशी जैसे साहित्यकारों ने MP को समृद्ध किया है।