अकशेरुकी (Invertebrates) प्राणी वे हैं जिनमें रीढ़ की हड्डी (Vertebral Column) या मेरुदंड अनुपस्थित होता है। ये पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जंतु प्रजातियों का लगभग 97% हिस्सा बनाते हैं और जीवन के हर कोने—समुद्र, मीठे पानी, जमीन और हवा—में पाए जाते हैं। अकशेरुकी जीवों का अध्ययन प्राणी जगत के विकास और जटिलता को समझने के लिए मौलिक है।

इस पोस्ट में, हम अकशेरुकी जगत के तीन अत्यंत महत्वपूर्ण संघों—पोरीफेरा (Porifera), आर्थ्रोपोडा (Arthropoda), और मोलस्का (Mollusca)—की संरचना, विशेषताओं और प्रमुख उदाहरणों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
1. संघ पोरीफेरा (Phylum Porifera): छिद्रों वाले जीव
संघ पोरीफेरा को आमतौर पर स्पंज (Sponges) कहा जाता है। यह प्राणी जगत का सबसे आदिम (Primitive) और सरल बहुकोशिकीय संघ है।
A. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर: इनका संगठन कोशिकीय स्तर (Cellular Level) का होता है। इनमें कोई स्पष्ट ऊतक, अंग या अंग प्रणाली नहीं होती।
- सममिति (Symmetry): ये अधिकतर असममित (Asymmetrical) होते हैं, यानी इन्हें किसी भी तरह से समान भागों में नहीं काटा जा सकता।
- कोशिकाएँ: इनमें दो विशेष प्रकार की कोशिकाएँ पाई जाती हैं:
- कोऐनोसाइट्स (Choanocytes) या कॉलर कोशिकाएँ: ये आंतरिक अस्तर (Lining) बनाती हैं और फ्लैजेला की मदद से पानी का बहाव पैदा करती हैं।
- एमीबोसाइट्स (Amebocytes): ये पोषक तत्वों को वितरित करती हैं और प्रजनन में मदद करती हैं।
- जीवन शैली: ये जीव सामान्यतः अचल (Sessile) होते हैं, यानी किसी आधार से चिपके रहते हैं।
- आवास: ये लगभग पूरी तरह से समुद्री (Marine) होते हैं, हालांकि कुछ मीठे पानी में भी पाए जाते हैं।
B. शारीरिक संरचना (Body Structure)
स्पंज की संरचना एक सरल थैली जैसी होती है जिसमें जल संवहन प्रणाली (Water Canal System) होती है, जो इनका सबसे विशिष्ट लक्षण है।
- छिद्र (Pores): इनके शरीर में अनगिनत छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें ऑस्टिया (Ostia) कहते हैं। इन्हीं से जल शरीर में प्रवेश करता है।
- स्पंजगुहा (Spongocoel): शरीर के केंद्र में एक बड़ी गुहा (Cavity) होती है, जहाँ जल जमा होता है।
- ऑस्कुलम (Osculum): शरीर के शीर्ष पर एक बड़ा छिद्र होता है, जिससे अपशिष्ट और अतिरिक्त जल बाहर निकलता है।
- कंकाल (Skeleton): इनका कंकाल स्पिक्यूल्स (Spicules) (कैल्शियम कार्बोनेट या सिलिका के बने) या स्पंजिन तंतुओं (Spongin Fibers) से बना होता है।
C. जल संवहन प्रणाली (Water Canal System) का महत्व
यह प्रणाली पोरीफेरा के सभी कार्यों—पोषण, श्वसन और उत्सर्जन—को पूरा करती है:
जल प्रवेश(ऑस्टिया)→स्पंजगुहा→जल निकास(ऑस्कुलम)
- पोषण: कोऐनोसाइट्स जल में से खाद्य कणों को छानकर (Filter Feeding) ग्रहण करती हैं।
- श्वसन और उत्सर्जन: जल के बहाव के साथ ऑक्सीजन अंदर आती है और कार्बन डाइऑक्साइड तथा अपशिष्ट बाहर निकल जाते हैं।
D. प्रमुख उदाहरण
- सायकॉन (Scypha/Sycon): कलश के आकार का समुद्री स्पंज।
- यूस्पोंजिया (Euspongia): इसे बाथ स्पंज (Bath Sponge) भी कहते हैं, जिसका उपयोग नहाने के लिए किया जाता था।
- स्पोंजिला (Spongilla): मीठे पानी का स्पंज।
2. संघ आर्थ्रोपोडा (Phylum Arthropoda): सबसे बड़ा संघ
आर्थ्रोपोडा प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है। इस संघ में कीड़े, मकड़ियाँ, क्रस्टेशियन (Crustaceans) और सेंटिपीड (Centipedes) जैसे जीव शामिल हैं।
A. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर: अंग प्रणाली स्तर (Organ System Level) का संगठन।
- सममिति: द्विपार्श्व सममिति (Bilateral Symmetry)।
- सबसे बड़ी विशेषता: संधियुक्त उपांग (Jointed Appendages) का पाया जाना।
- कंकाल: इनका शरीर एक कठोर बहिःकंकाल (Exoskeleton) से ढका होता है, जो काइटिन (Chitin) नामक पदार्थ का बना होता है।
- मोलटिंग (Moulting): कठोर बहिःकंकाल के कारण, वृद्धि के लिए इन्हें समय-समय पर अपने पुराने खोल को त्यागना पड़ता है, जिसे निर्मोचन (Ecdysis) या मोलटिंग कहते हैं।
B. शारीरिक खंडों में विभाजन (Body Segmentation)
आर्थ्रोपोडा का शरीर स्पष्ट रूप से तीन खंडों में विभाजित होता है:
- सिर (Head): इसमें संवेदी अंग (एंटेना, आँखें) और मुखांग (Mouthparts) होते हैं।
- वक्ष (Thorax): इसमें चलने वाले पैर (Walking Legs) और पंख (Wings) जुड़े होते हैं।
- उदर (Abdomen): इसमें पाचन और प्रजनन अंग होते हैं।
कई आर्थ्रोपोडा में, सिर और वक्ष मिलकर सिरोवक्ष (Cephalothorax) बनाते हैं।
C. प्रमुख वर्ग एवं श्वसन अंग
| वर्ग (Class) | उदाहरण (Examples) | खंडों की संख्या | उपांग/पैर की संख्या | श्वसन अंग |
| इंसेक्टा (Insecta) | मच्छर, मक्खी, टिड्डा | 3 (सिर, वक्ष, उदर) | 6 (3 जोड़े) | श्वासप्रणाली (Trachea) |
| एरेकनिडा (Arachnida) | मकड़ी, बिच्छू, माइट | 2 (सिरोवक्ष, उदर) | 8 (4 जोड़े) | पुस्त फुफ्फुस (Book Lungs) |
| क्रस्टेशिया (Crustacea) | झींगा (Prawn), केकड़ा (Crab) | 2 (सिरोवक्ष, उदर) | 10+ (5+ जोड़े) | गलफड़े (Gills) |
| मीरियापोडा (Myriapoda) | सेंटिपीड, मिलिपीड | सिर और धड़ | बहुत अधिक | श्वासप्रणाली |
D. महत्व
आर्थ्रोपोडा आर्थिक और पारिस्थितिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे परागण (Pollination), खाद्य श्रृंखला और कीट नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. संघ मोलस्का (Phylum Mollusca): कोमल देह वाले प्राणी
संघ मोलस्का प्राणी जगत का दूसरा सबसे बड़ा संघ है। इस संघ के जीवों का शरीर अत्यंत कोमल (Soft-bodied) होता है, और अधिकांश में सुरक्षा के लिए कैलकेरस खोल (Calcareous Shell) पाया जाता है।
A. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर: अंग प्रणाली स्तर (Organ System Level)।
- सममिति: द्विपार्श्व सममिति (Bilateral Symmetry)।
- आवास: ये जलीय (समुद्री और मीठे पानी) और स्थलीय (Terrestrial) दोनों प्रकार के होते हैं।
- शरीर विभाजन: शरीर तीन मुख्य भागों में विभाजित होता है:
- सिर (Head): संवेदी अंग और मुख होते हैं।
- पेशीय पाद (Muscular Foot): यह गतिशीलता, खुदाई और भोजन पकड़ने में मदद करता है।
- आंतरांग कूबड़ (Visceral Hump/Mass): आंतरिक अंगों (पाचन, प्रजनन, उत्सर्जन) को समाहित करता है।
B. खोल और मेंटल (Shell and Mantle)
- मेंटल (Mantle): यह त्वचा की एक नरम और मांसल परत होती है जो आंतरांग कूबड़ को ढँकती है।
- खोल (Shell): मेंटल के बाहरी भाग से एक कठोर, कैल्सियम कार्बोनेट CaCO3 का खोल स्रावित होता है। यह खोल जीव की बाहरी सुरक्षा करता है।
- मेंटल गुहा (Mantle Cavity): मेंटल और कूबड़ के बीच का स्थान, जिसमें श्वसन अंग (गलफड़े/पंख जैसे गिल्स) पाए जाते हैं।
C. अद्वितीय विशेषता: रेती–जीभ (Radula)
मोलस्का का एक अनूठा लक्षण रेती–जीभ (Radula) की उपस्थिति है।
- रेडुला: यह एक फ़ाइल जैसी घिसने वाली संरचना है जो मुख में स्थित होती है। इसका उपयोग भोजन (विशेष रूप से शैवाल) को खुरचकर खाने के लिए किया जाता है। अपवाद: सीप (Bivalves) में रेडुला नहीं होता है।
D. प्रमुख वर्ग एवं उदाहरण
| वर्ग (Class) | विशेषताएँ | उदाहरण (Examples) |
| गैस्ट्रोपोडा (Gastropoda) | पेट पर चलने वाले, आमतौर पर एक घुमावदार खोल। | घोंघा (Snail), स्लग (Slug)। |
| बाइवॉल्विया (Bivalvia) | दो खोल (कपाट) होते हैं, रेडुला अनुपस्थित। | सीप (Oyster), क्लैम (Clam), मुसेल (Mussel)। |
| सिफालोपोडा (Cephalopoda) | सिर पर पाद/टेंटेकल, खोल अक्सर आंतरिक या अनुपस्थित। | ऑक्टोपस (Octopus), स्क्विड (Squid)। |
संघ एनीलिडा (Phylum Annelida)
अकशेरुकी जगत का एक महत्वपूर्ण समूह है, जिसमें खंडों में बंटा हुआ शरीर (Segmented body) इसकी सबसे बड़ी पहचान है। इस संघ में केंचुआ, जोंक और समुद्री कृमि (Sandworms) जैसे जीव शामिल हैं।
1. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर (Level of Organization): इनमें उच्च स्तर का अंग प्रणाली स्तर (Organ System Level) का संगठन पाया जाता है।
- सममिति (Symmetry): ये द्विपार्श्व सममित (Bilateral Symmetry) होते हैं, यानी इनके शरीर को केवल एक ही ऊर्ध्वाधर तल (vertical plane) से दो समान हिस्सों में बाँटा जा सकता है।
- शरीर संरचना (Body Structure): इनका शरीर बेलनाकार (Cylindrical) होता है और मेटामेरिक खंडों (Metameres) में स्पष्ट रूप से विभाजित होता है। यह खंडन (Segmentation) आंतरिक रूप से भी मौजूद होता है।
- देहगुहा (Coelom): ये सत्य देहगुही (True Coelomates) होते हैं, जिसका अर्थ है कि इनके शरीर में एक वास्तविक गुहा (cavity) होती है जो मध्यजनस्तर (Mesoderm) से अस्तरित (lined) होती है।
- कंकाल (Skeleton): इनमें कोई कठोर कंकाल (Exoskeleton/Endoskeleton) नहीं होता है। इनका शरीर द्रव–स्थैतिक कंकाल (Hydrostatic Skeleton) का उपयोग करके अपनी संरचना बनाए रखता है, जो देहगुहा के द्रव द्वारा बनता है।
2. प्रचलन, श्वसन और उत्सर्जन (Locomotion, Respiration, and Excretion)
- प्रचलन (Locomotion):
- इनमें गति के लिए छोटे, कठोर, ब्रिसल जैसे उपांग पाए जाते हैं जिन्हें सीटा (Setae) या पार्श्वपाद (Parapodia) कहा जाता है।
- केंचुए अपनी मांसपेशियों और सीटा की मदद से ज़मीन पर रेंगते हैं।
- श्वसन (Respiration): ये मुख्यतः अपनी नम और पतली त्वचा (Moist Skin) के माध्यम से श्वसन करते हैं, जिसे त्वचीय श्वसन (Cutaneous Respiration) कहते हैं।
- उत्सर्जन (Excretion): शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने के लिए इनमें नेफ्रीडिया (Nephridia) नामक विशेष अंग होते हैं। प्रत्येक खंड में नेफ्रीडिया का एक जोड़ा (pair) पाया जाता है।
- परिसंचरण (Circulation): इनमें बंद परिसंचरण तंत्र (Closed Circulatory System) पाया जाता है, जिसका अर्थ है कि रक्त हमेशा रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) के भीतर बहता है।
3. प्रमुख वर्ग एवं उदाहरण (Major Classes and Examples)
| वर्ग (Class) | उदाहरण (Examples) | मुख्य विशेषताएँ |
| पॉलीकीटा (Polychaeta) | नेरीस (Nereis), सैंडवर्म (Sandworm) | इनमें प्रचलन के लिए पार्श्वपाद (Parapodia) होते हैं और सिर स्पष्ट होता है। ये मुख्यतः समुद्री होते हैं। |
| ओलिगोकीटा (Oligochaeta) | केंचुआ (Earthworm) | इनमें सीटा की संख्या कम होती है और सिर स्पष्ट नहीं होता है। इनमें पार्श्वपाद अनुपस्थित होते हैं। |
| हिरुडिनिया (Hirudinea) | जोंक (Leech) | ये शरीर के दोनों सिरों पर चूषक (Suckers) रखते हैं और आमतौर पर बाह्य परजीवी (Ectoparasites) होते हैं। |
4. महत्व (Importance)
- पारिस्थितिक महत्व: केंचुआ, मिट्टी को उपजाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह मिट्टी को उलटता-पलटता है और उसकी उर्वरता (fertility) बढ़ाता है। इसलिए इन्हें ‘किसानों का मित्र’ कहा जाता है।
- चिकित्सा महत्व: जोंक का उपयोग प्राचीन काल से रक्तस्राव (bloodletting) जैसी चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता रहा है।
संघ एस्केल्मिन्थीज (Phylum Aschelminthes)
जिसे आमतौर पर निमेटोडा (Nematoda) भी कहा जाता है, अकशेरुकी जगत का एक महत्वपूर्ण संघ है। इस संघ के जीवों को सामान्यतः गोलकृमि (Roundworms) कहा जाता है। ये मुक्तजीवी (Free-living) या परजीवी (Parasitic) हो सकते हैं और लगभग हर वातावरण—मिट्टी, मीठे पानी, समुद्री जल और पौधों व जानवरों के अंदर—में पाए जाते हैं।
1. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर (Level of Organization): इनमें अंग प्रणाली स्तर (Organ System Level) का संगठन होता है।
- सममिति (Symmetry): ये द्विपार्श्व सममित (Bilateral Symmetry) होते हैं।
- जनन स्तर (Germ Layers): ये त्रिस्तरीय (Triploblastic) होते हैं, यानी इनका शरीर तीन भ्रूणीय परतों (एक्टोडर्म, मेसोडर्म, और एंडोडर्म) से विकसित होता है।
- देहगुहा (Coelom): इनकी सबसे विशिष्ट पहचान यह है कि ये कूट–देहगुही (Pseudocoelomates) होते हैं। इसका मतलब है कि इनमें देहगुहा तो होती है, लेकिन यह मध्यजनस्तर (Mesoderm) द्वारा पूरी तरह से अस्तरित (lined) नहीं होती है।
- शरीर संरचना (Body Structure):
- इनका शरीर पतला, बेलनाकार (Cylindrical), और दोनों सिरों पर नुकीला होता है।
- इनके शरीर पर कोई वास्तविक खंड (Segments) नहीं होते हैं।
- शरीर एक मजबूत, लचीले और अकोशिकीय क्यूटिकल (Cuticle) से ढका होता है जो उन्हें परजीवी जीवन में पाचन एंजाइमों से बचाता है।
2. जीवन प्रणाली और तंत्र (Life System and Organs)
- पाचन तंत्र (Digestive System): इनमें एक पूर्ण पाचन तंत्र होता है, जिसमें एक स्पष्ट मुँह (Mouth) और गुदा (Anus) दोनों होते हैं। यह एक सीधी नली (tube within a tube body plan) की तरह होता है।
- परिसंचरण और श्वसन (Circulation & Respiration): इनमें परिसंचरण तंत्र (रक्त प्रणाली) और श्वसन तंत्र अनुपस्थित (Absent) होते हैं। ये अपनी सामान्य शरीर सतह के माध्यम से श्वसन करते हैं।
- उत्सर्जन (Excretion): अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए इनमें रेनेट कोशिकाएँ (Renette Cells) या ‘H’ आकार की नलिकाएँ पाई जाती हैं।
- प्रजनन (Reproduction):
- ये आमतौर पर एकलिंगी (Dioecious) होते हैं, जिसका अर्थ है कि नर और मादा अलग-अलग जीवों में होते हैं।
- मादा नर से प्रायः लंबी होती है।
- इनमें आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization) होता है।
3. महत्व और उदाहरण (Importance and Examples)
- परजीवी महत्व: अधिकांश निमेटोड्स मनुष्यों, पौधों और पशुओं में परजीवी के रूप में पाए जाते हैं, जो गंभीर बीमारियाँ (जैसे हाथीपाँव या पेट के संक्रमण) पैदा करते हैं।
- उदाहरण:
- एस्केरिस (Ascaris): मनुष्य की छोटी आंत में पाया जाने वाला गोलकृमि।
- वुचेरेरिया (Wuchereria): हाथीपाँव (Filariasis) रोग का कारण।
- एन्टेरोबियस (Enterobius): पिनवर्म या थ्रेडवर्म।
संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज (Phylum Platyhelminthes)
अकशेरुकी जगत के ऐसे जीवों का समूह है जिन्हें आमतौर पर चपटे कृमि (Flatworms) कहा जाता है। इनका शरीर डोर्सो-वेंट्रली (Dorso-ventrally), यानी पीठ से पेट की ओर, चपटा होता है। इस संघ में फीताकृमि (Tapeworms) और प्लेनेरिया (Planaria) जैसे जीव शामिल हैं। अधिकांश प्लेटीहेल्मिन्थीज परजीवी (Parasitic) होते हैं, जो पौधों और जंतुओं के अंदर रहते हैं।
1. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर (Level of Organization): इनमें अंग स्तर (Organ Level) का संगठन पाया जाता है।
- शरीर की आकृति (Body Shape): इनका शरीर पत्ते की तरह या रिबन (ribbon) की तरह चपटा (Flat) होता है, इसलिए इन्हें चपटे कृमि कहते हैं।
- सममिति (Symmetry): ये द्विपार्श्व सममित (Bilateral Symmetry) होते हैं और इनमें सिर स्पष्ट होता है (सिर का बनना शुरू होता है)।
- जनन स्तर (Germ Layers): ये प्राणी जगत के पहले जीव हैं जो त्रिस्तरीय (Triploblastic) होते हैं, यानी इनका शरीर तीन भ्रूणीय परतों (एक्टोडर्म, मेसोडर्म, और एंडोडर्म) से विकसित होता है।
- देहगुहा (Coelom): ये अदेहगुही (Acoelomates) होते हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें कोई वास्तविक देहगुहा या शरीर गुहा अनुपस्थित होती है। इनके आंतरिक अंग पैरेन्काइमा नामक ऊतक (tissue) में भरे होते हैं।
- परजीवी अनुकूलन: परजीवी प्रजातियों में पोषक (Host) से चिपकने के लिए चूषक (Suckers) और हुक (Hooks) जैसे विशेष अंग पाए जाते हैं, और इनके शरीर के बाहर एक मोटा क्यूटिकल होता है जो इन्हें पाचन एंजाइमों से बचाता है।
2. जीवन प्रणाली और तंत्र (Life System and Organs)
- पाचन तंत्र (Digestive System):
- इनमें पाचन तंत्र अपूर्ण (Incomplete) होता है, जिसका अर्थ है कि इनमें केवल एक ही छिद्र होता है जो मुँह और गुदा दोनों का कार्य करता है।
- परजीवी रूपों में पाचन तंत्र अक्सर अनुपस्थित होता है, क्योंकि वे सीधे पोषक के पचे हुए भोजन को अवशोषित (absorb) कर लेते हैं।
- श्वसन और परिसंचरण: इनमें कोई विशेष श्वसन या परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है।
- उत्सर्जन (Excretion): उत्सर्जन और परासरण नियंत्रण (Osmoregulation) के लिए इनमें ज्वाला कोशिकाएँ (Flame Cells) या प्रोटोनेफ्रिडिया (Protonephridia) नामक विशेष कोशिकाएँ होती हैं।
- प्रजनन (Reproduction):
- ये आमतौर पर उभयलिंगी (Hermaphroditic) होते हैं, यानी एक ही जीव में नर और मादा दोनों प्रजनन अंग होते हैं।
- प्लेनेरिया (मुक्तजीवी) में उच्च पुनर्जनन क्षमता (High Regeneration Power) पाई जाती है।
3. प्रमुख वर्ग एवं उदाहरण (Major Classes and Examples)
| वर्ग (Class) | उदाहरण (Examples) | मुख्य विशेषताएँ |
| टर्बेलेरिया (Turbellaria) | प्लेनेरिया (Planaria) | ये मुक्तजीवी (Free-living) होते हैं और इनके शरीर पर सिलिया (Cilia) पाए जाते हैं। |
| ट्रेमाटोडा (Trematoda) | लिवर फ्लूक (Fasciola) | ये परजीवी होते हैं और इन्हें फ्लूक (Flukes) कहा जाता है। |
| सिस्टोडा (Cestoda) | फीताकृमि (Tapeworm) जैसे Taenia solium | ये भी परजीवी होते हैं और इनका शरीर कई खंडों (प्रोग्लोटिड्स) में विभाजित होता है। इनमें पाचन तंत्र पूरी तरह अनुपस्थित होता है। |
संघ सीलेन्टरेटा (Phylum Coelenterata)
जिसे अब आधिकारिक तौर पर निडारिया (Cnidaria) कहा जाता है, अकशेरुकी जगत का एक समूह है जिसमें जेलीफिश, हाइड्रा, समुद्री एनीमोन (Sea Anemones), और मूंगे (Corals) जैसे जीव शामिल हैं। इस संघ की पहचान इसकी दंश कोशिकाओं और अरीय सममिति से होती है।
1. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- नाम का कारण: इन्हें ‘निडारिया’ नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इनके शरीर में विशेष दंश कोशिकाएँ (Stinging Cells) पाई जाती हैं जिन्हें निडोब्लास्ट (Cnidoblasts) या निडोसाइट्स (Cnidocytes) कहते हैं। इन कोशिकाओं का उपयोग ये शिकार को पकड़ने और आत्मरक्षा के लिए करते हैं।
- संगठन का स्तर (Level of Organization): ये प्राणी जगत के पहले जीव हैं जिनमें ऊतक स्तर (Tissue Level) का संगठन पाया जाता है (इससे पहले पोरीफेरा में केवल कोशिकीय स्तर होता है)।
- सममिति (Symmetry): ये अरीय सममित (Radial Symmetry) होते हैं, जिसका अर्थ है कि इनके शरीर को केंद्रीय अक्ष (central axis) से गुज़रने वाले किसी भी तल से दो समान भागों में बाँटा जा सकता है।
- जनन स्तर (Germ Layers): ये द्विस्तरीय (Diploblastic) होते हैं, यानी इनका शरीर केवल दो भ्रूणीय परतों—एक्टोडर्म (बाहरी) और एंडोडर्म (आंतरिक)—से विकसित होता है। इन दोनों के बीच एक अकोशिकीय जेली जैसा पदार्थ मीसोग्लिया (Mesoglea) पाया जाता है।
- देहगुहा (Body Cavity): इनमें कोई वास्तविक देहगुहा नहीं होती है। इनके शरीर के केंद्र में एक एकल गुहा होती है जिसे जठर संवहनी गुहा (Gastro-Vascular Cavity) या सीलेन्टेरॉन (Coelenteron) कहते हैं।
2. शरीर के रूप (Body Forms)
निडारिया के जीव अपने जीवन चक्र में या तो एक ही रूप में, या दोनों रूपों में पाए जाते हैं:
- पॉलिप (Polyp):
- यह रूप बेलनाकार (Cylindrical) और स्थावर (Sessile) होता है (एक जगह चिपका रहता है)।
- मुँह और स्पर्शक (Tentacles) ऊपर की ओर होते हैं।
- उदाहरण: हाइड्रा (Hydra) और समुद्री एनीमोन (Sea Anemone)।
- मेड्युसा (Medusa):
- यह रूप छतरी के आकार का (Umbrella-shaped) और मुक्त तैरने वाला (Free-swimming) होता है।
- मुँह नीचे की ओर होता है।
- उदाहरण: जेलीफिश (Jellyfish)।
3. महत्वपूर्ण घटना: पीढ़ी एकांतरण (Metagenesis)
कुछ निडारियन (जैसे ओबेलिया/Obelia) अपने जीवन चक्र में पीढ़ी एकांतरण (Metagenesis) दर्शाते हैं।
- पॉलिप (स्थावर रूप) अलैंगिक रूप से (Asexually) प्रजनन करके मेड्युसा (मुक्त रूप) बनाता है।
- मेड्युसा (मुक्त रूप) लैंगिक रूप से (Sexually) प्रजनन करके पॉलिप (स्थावर रूप) बनाता है।
4. उदाहरण (Examples)
- जेलीफिश (Jellyfish): (मेड्युसा रूप)
- हाइड्रा (Hydra): (पॉलिप रूप)
- समुद्री एनीमोन (Sea Anemone): (पॉलिप रूप)
- फाइसेलिया (Physalia): इसे पुर्तगाली युद्धपोत (Portuguese Man-of-War) भी कहते हैं, जो एक विषाक्त निडारियन है।
- मूंगे (Corals): ये कैल्शियम कार्बोनेट से बने कठोर बहिःकंकाल का स्राव करते हैं और बड़ी-बड़ी प्रवाल भित्तियाँ (Coral Reefs) बनाते हैं।
संघ एकाइनोडर्मेटा (Phylum Echinodermata)
अकशेरुकी जगत का एक विशिष्ट समूह है। इस संघ के सभी सदस्य समुद्री जीव होते हैं। इनके नाम का अर्थ है “काँटेदार त्वचा” (Echino का अर्थ है काँटा और derma का अर्थ है त्वचा)। इस समूह में तारामछली (Starfish/Sea Star), समुद्री अर्चिन (Sea Urchins), समुद्री खीरा (Sea Cucumbers), और भंगुर तारा (Brittle Stars) जैसे जीव शामिल हैं।
1. सामान्य विशेषताएँ (General Characteristics)
- संगठन का स्तर (Level of Organization): इनमें अंग प्रणाली स्तर (Organ System Level) का संगठन पाया जाता है।
- शरीर का आवरण (Body Covering): इनकी त्वचा के नीचे कैल्शियम युक्त अस्थिकाएँ (Calcareous Ossicles) होती हैं, जो इन्हें एक कठोर, काँटेदार कंकाल (Endoskeleton) प्रदान करती हैं।
- सममिति (Symmetry):
- वयस्क (Adults): इनमें अरीय सममिति (Radial Symmetry), विशेषकर पंच–अरीय सममिति (Penta-radial Symmetry), पाई जाती है।
- लार्वा (Larvae): इनमें द्विपार्श्व सममिति (Bilateral Symmetry) होती है। यह एक प्रमुख विकासवादी विशेषता है।
- देहगुहा (Coelom): ये सत्य देहगुही (True Coelomates) होते हैं।
- पाचन तंत्र (Digestive System): अधिकांश में पाचन तंत्र पूर्ण होता है (मुँह और गुदा दोनों उपस्थित)।
2. विशिष्ट तंत्र (Unique System)
एकाइनोडर्मेटा की सबसे बड़ी और अनोखी विशेषता इनका जल संवहनी तंत्र है।
- जल संवहनी तंत्र (Water Vascular System): यह एक विशेष द्रव से भरी नलिकाओं (canals) का तंत्र है जो शरीर में फैला होता है। यह तंत्र निम्नलिखित कार्यों में मदद करता है:
- प्रचलन (Locomotion): ये गति के लिए नलिका पाद (Tube Feet) का उपयोग करते हैं, जो इस तंत्र का हिस्सा होते हैं।
- भोजन ग्रहण (Food Capture): भोजन को पकड़ने में सहायता।
- श्वसन (Respiration): श्वसन गैसों के आदान-प्रदान में मदद।
- नलिका पाद (Tube Feet/Podia): ये छोटे, बेलनाकार, सक्शन कप जैसे उपांग होते हैं, जो जल संवहनी तंत्र में पानी के दबाव से संचालित होते हैं।
3. अन्य विशेषताएँ (Other Features)
- परिसंचरण और उत्सर्जन: इनमें कोई विशिष्ट हृदय या उत्सर्जी अंग अनुपस्थित होते हैं। श्वसन और उत्सर्जन का कार्य नलिका पाद और शरीर की सतह द्वारा होता है।
- प्रजनन: ये एकलिंगी (Dioecious) होते हैं और प्रजनन मुख्य रूप से बाह्य निषेचन (External Fertilization) द्वारा होता है (पानी में अंडे और शुक्राणु का मिलन)।
- पुनर्जनन (Regeneration): इनमें चोट लगने या अंग कट जाने पर उसे पुनर्जनित (Regenerate) करने की अद्भुत क्षमता होती है, खासकर तारामछली में।
4. उदाहरण (Examples)
- तारामछली (Starfish/Asterias): पाँच भुजाओं वाली।
- समुद्री अर्चिन (Sea Urchin/Echinus): गोल, काँटेदार शरीर।
- समुद्री खीरा (Sea Cucumber/Cucumaria): खीरे के आकार का।
- भंगुर तारा (Brittle Star): पतली, भंगुर भुजाओं वाली।
अकशेरुकी जगत (पोरीफेरा, आर्थ्रोपोडा, मोलस्का) पर 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन तीनों संघों पर आधारित 50 महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर यहाँ दिए गए हैं:
- प्रश्न: अकशेरुकी प्राणी किन्हें कहते हैं?
- उत्तर: वे जीव जिनमें रीढ़ की हड्डी (Vertebral Column) या मेरुदंड अनुपस्थित होता है।
- प्रश्न: प्राणी जगत में सबसे बड़ा संघ कौन-सा है?
- उत्तर: संघ आर्थ्रोपोडा (Phylum Arthropoda)।
- प्रश्न: संघ मोलस्का प्राणी जगत का कौन-सा सबसे बड़ा संघ है?
- उत्तर: दूसरा सबसे बड़ा संघ।
- प्रश्न: संघ पोरीफेरा के सदस्यों को आमतौर पर क्या कहा जाता है?
- उत्तर: स्पंज (Sponges)।
- प्रश्न: स्पंज में किस स्तर का शारीरिक संगठन पाया जाता है?
- उत्तर: कोशिकीय स्तर (Cellular Level)।
- प्रश्न: पोरीफेरा का सबसे विशिष्ट लक्षण क्या है?
- उत्तर: जल संवहन प्रणाली (Water Canal System)।
- प्रश्न: स्पंज के शरीर में जल प्रवेश करने वाले छोटे छिद्र क्या कहलाते हैं?
- उत्तर: ऑस्टिया (Ostia)।
- प्रश्न: स्पंज के शरीर के शीर्ष पर स्थित वह बड़ा छिद्र क्या कहलाता है जिससे जल बाहर निकलता है?
- उत्तर: ऑस्कुलम (Osculum)।
- प्रश्न: स्पंज की आंतरिक अस्तर बनाने वाली और पानी का बहाव पैदा करने वाली कोशिकाएँ क्या हैं?
- उत्तर: कोऐनोसाइट्स (Choanocytes) या कॉलर कोशिकाएँ।
- प्रश्न: बाथ स्पंज (Bath Sponge) के रूप में किस स्पंज का उपयोग किया जाता है?
- उत्तर: यूस्पोंजिया (Euspongia)।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
- उत्तर: संधियुक्त उपांग (Jointed Appendages)।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा का शरीर किस कठोर बहिःकंकाल से ढका होता है?
- उत्तर: काइटिन (Chitin) का बना हुआ।
- प्रश्न: वृद्धि के लिए आर्थ्रोपोडा द्वारा पुराने खोल को त्यागने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
- उत्तर: निर्मोचन (Moulting) या एकडाइसिस (Ecdysis)।
- प्रश्न: कीट वर्ग (Insecta) के शरीर के तीन मुख्य खंड कौन-से हैं?
- उत्तर: सिर (Head), वक्ष (Thorax) और उदर (Abdomen)।
- प्रश्न: कीट वर्ग (Insecta) में कितने जोड़ी पैर पाए जाते हैं?
- उत्तर: तीन जोड़ी (कुल 6 पैर)।
- प्रश्न: कीटों (मच्छर, मक्खी) में श्वसन अंग क्या होता है?
- उत्तर: श्वासप्रणाली (Trachea)।
- प्रश्न: मकड़ी और बिच्छू किस वर्ग से संबंधित हैं?
- उत्तर: एरेकनिडा (Arachnida)।
- प्रश्न: एरेकनिडा वर्ग के जीवों में कितने जोड़ी पैर पाए जाते हैं?
- उत्तर: चार जोड़ी (कुल 8 पैर)।
- प्रश्न: मकड़ी का श्वसन अंग क्या है?
- उत्तर: पुस्त फुफ्फुस (Book Lungs)।
- प्रश्न: झींगा (Prawn) और केकड़ा (Crab) किस वर्ग से संबंधित हैं?
- उत्तर: क्रस्टेशिया (Crustacea)।
- प्रश्न: क्रस्टेशियन में श्वसन किस अंग द्वारा होता है?
- उत्तर: गलफड़े (Gills) द्वारा।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा के किस वर्ग में सिर और वक्ष मिलकर सिरोवक्ष (Cephalothorax) बनाते हैं?
- उत्तर: एरेकनिडा और क्रस्टेशिया।
- प्रश्न: मोलस्का संघ के जीवों का शरीर कैसा होता है?
- उत्तर: अत्यंत कोमल (Soft-bodied)।
- प्रश्न: अधिकांश मोलस्का जीवों में सुरक्षा के लिए क्या पाया जाता है?
- उत्तर: कैलकेरस खोल (Calcareous Shell)।
- प्रश्न: मोलस्का का खोल किस पदार्थ का बना होता है?
- उत्तर: कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3)।
- प्रश्न: मोलस्का का शरीर कितने मुख्य भागों में विभाजित होता है?
- उत्तर: तीन (सिर, पेशीय पाद, और आंतरांग कूबड़)।
- प्रश्न: मोलस्का में वह संरचना क्या है जो कोमल शरीर को ढँकती है और खोल का स्राव करती है?
- उत्तर: मेंटल (Mantle)।
- प्रश्न: मोलस्का का अनूठा लक्षण, रेती-जीभ जैसी संरचना क्या है, जिसका उपयोग भोजन खुरचने के लिए होता है?
- उत्तर: रेडुला (Radula)।
- प्रश्न: किस मोलस्का वर्ग में रेडुला अनुपस्थित होता है?
- उत्तर: बाइवॉल्विया (Bivalvia) वर्ग में (जैसे सीप)।
- प्रश्न: घोंघा (Snail) मोलस्का के किस वर्ग से संबंधित है?
- उत्तर: गैस्ट्रोपोडा (Gastropoda)।
- प्रश्न: ऑक्टोपस और स्क्विड मोलस्का के किस वर्ग से संबंधित हैं?
- उत्तर: सिफालोपोडा (Cephalopoda)।
- प्रश्न: सिफालोपोडा वर्ग की मुख्य विशेषता क्या है?
- उत्तर: सिर पर पाद/टेंटेकल्स (Tentacles) का होना।
- प्रश्न: सीप (Oyster) किस वर्ग से संबंधित है?
- उत्तर: बाइवॉल्विया (Bivalvia)।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा में श्वसन गलफड़ों द्वारा किस वर्ग में होता है?
- उत्तर: क्रस्टेशिया (Crustacea)।
- प्रश्न: मोलस्का में श्वसन अंग कहाँ स्थित होते हैं?
- उत्तर: मेंटल गुहा (Mantle Cavity) में।
- प्रश्न: स्पंज में आंतरिक कंकाल किसका बना होता है?
- उत्तर: स्पिक्यूल्स (Spicules) और स्पंजिन तंतुओं का।
- प्रश्न: पोरीफेरा का संगठन किस स्तर का होता है, ऊतक अनुपस्थित होते हैं?
- उत्तर: कोशिकीय स्तर।
- प्रश्न: मोलस्का में आंतरंग कूबड़ (Visceral Hump) में क्या समाहित होता है?
- उत्तर: आंतरिक अंग जैसे पाचन, प्रजनन और उत्सर्जन अंग।
- प्रश्न: क्रस्टेशिया वर्ग में सामान्यतः चलने वाले कितने जोड़ी पैर होते हैं?
- उत्तर: पाँच या अधिक जोड़ी।
- प्रश्न: कीटों के संवेदी अंग (Sense Organs) क्या होते हैं, जो सिर पर पाए जाते हैं?
- उत्तर: एंटेना (Antennae)।
- प्रश्न: किस संघ के जीव लगभग पूरी तरह से समुद्री होते हैं और किसी आधार से चिपके रहते हैं (अचल)?
- उत्तर: पोरीफेरा (Porifera)।
- प्रश्न: केकड़े (Crab) का शरीर कितने मुख्य खंडों में विभाजित होता है?
- उत्तर: दो (सिरोवक्ष और उदर)।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा के किस वर्ग में उपांगों की संख्या सबसे कम (3 जोड़ी) होती है?
- उत्तर: इंसेक्टा (Insecta)।
- प्रश्न: घोंघा (Snail) अपने पेशीय पाद का उपयोग किस कार्य के लिए करता है?
- उत्तर: गतिशीलता (Locomotion) के लिए।
- प्रश्न: क्या मोलस्का संघ के जीवों में खुला परिसंचरण तंत्र (Open Circulatory System) पाया जाता है?
- उत्तर: हाँ, सिफालोपोडा को छोड़कर अधिकांश में।
- प्रश्न: स्पंज में किस प्रकार की सममिति (Symmetry) पाई जाती है?
- उत्तर: अधिकांश में असममित (Asymmetrical)।
- प्रश्न: मोलस्का वर्ग सिफालोपोडा के उदाहरण (ऑक्टोपस, स्क्विड) में खोल की स्थिति कैसी होती है?
- उत्तर: आंतरिक (Internal) या अनुपस्थित।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा के जीवों में कौन-सा अंग उनके बाहरी कंकाल के नीचे स्थित होता है?
- उत्तर: एपिडर्मिस (Epidermis)।
- प्रश्न: आर्थ्रोपोडा में उत्सर्जी अंग के रूप में क्या पाया जाता है?
- उत्तर: मैल्पीघियन नलिकाएँ (Malpighian Tubules) (कीटों में)।
- प्रश्न: मीठे पानी में पाया जाने वाला स्पंज का एक उदाहरण दीजिए।
- उत्तर: स्पोंजिला (Spongilla)।